tag:blogger.com,1999:blog-87853353742102906.post2513110014492816103..comments2023-10-26T02:48:20.620-07:00Comments on "कुछ कहना है": हाथ छोड़ के, "गोड़ से", चरखा रहे चलाय-रविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-87853353742102906.post-62032758284418784382017-02-01T07:17:27.805-08:002017-02-01T07:17:27.805-08:00गहरा कटाक्ष ... पर सत्य की बहुत करीब ...
बसंत पंच...गहरा कटाक्ष ... पर सत्य की बहुत करीब ... <br />बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-87853353742102906.post-68558678313741159972017-01-30T20:56:06.725-08:002017-01-30T20:56:06.725-08:00आपके लेखन की व्यंजनाएँ ,और मारक क्षमता कलम की सामर...आपके लेखन की व्यंजनाएँ ,और मारक क्षमता कलम की सामर्थ्य का भान करा देती हैं .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-87853353742102906.post-73009702889149582022017-01-30T03:48:52.446-08:002017-01-30T03:48:52.446-08:00वोट पाने के लिए नेताओं ने जो दान पेटी खोली है
इससे...वोट पाने के लिए नेताओं ने जो दान पेटी खोली है<br />इससे अच्छा व्यंग और हो ही नही सकता<br />सही लिखा आपने वाह!क्या कहने...<br />आये गाँधी नर्क से, दो टुकड़े करवाय।.....<br /><br />Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.com