tag:blogger.com,1999:blog-87853353742102906.post7068374848188383672..comments2023-10-26T02:48:20.620-07:00Comments on "कुछ कहना है": हुक्का-हाकिम हुक्म दे, नहीं पटाखा फोर रविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-87853353742102906.post-37317028819050725272012-11-13T09:55:39.501-08:002012-11-13T09:55:39.501-08:00" सभी भक्तजन पूजापाठ में लगे हैं और हमारे कवि..." सभी भक्तजन पूजापाठ में लगे हैं और हमारे कविवर कविताई में लगे हैं। <br />कवि के लिए कविताई ही पूजा है। पत्नी शायद कवि महोदय से परेशान नहीं होतीं।<br />कवियों को उनकी पत्नियों का साथ मिले तो सच में कविताई संभव न हो पाए. साथ न मिलने पर कविताई संभव हो पाती है। :)<br /><br /><br />कमेंट लिखने के बावजूद उसे आप तक विलम्ब से पहुँचा इसी कारण से पाया कि मिलने वालों का ताँता तुरंत लग गया।प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.com