25 August, 2011

सरकारी लोकपाल

"ग्राम-सभा" सबसे बड़ी, सभी सभा की मूल |
"ठेठ-सभाएँ" किन्तु करें, कीमत बड़ी वसूल ||

कीमत  बड़ी  वसूल,  उसूल तोड़ते शाश्वत |
हो  जाते  सब  एक, फायदा अपनी बाबत ||

कर 'अन्ना' अफ़सोस,  रमे  सब  भ्रष्टाचारी |
उठा रहे नित लाभ, पास हों 'बिल सरकारी' || 

9 comments:

  1. सही आंकलन किया है ... अच्छी प्रस्तुति

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  2. बिल्कुल सही कहा।

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  3. खूबसूरती से... सत्य कहा...
    सादर...

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  4. बहुत बढ़िया....

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  5. "ाम-सभा" सबसे बड़, सभी सभा क मूल | "ठेठ-सभाएँ" कतु कर, कमत बड़ वसूल ||
    bhut khoob
    aapne sachchai likh daali
    badhai

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  6. बहुत बढ़िया....

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  7. अन्‍ना हजारे ने कहा कि देश में जनतंत्र की हत्‍या की जा रही है और भ्रष्‍ट सरकार की बलि ली जाएगी। यानि खून के बदले खून?

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