बढ़िया ....
बहुत खूब ...
क्या बात है रविकर जी, बहुत सुन्दर...हँसते हँसते कह गये, तीखी तीखी बातसूरज आते तप उठे, जैसे शीतल प्रात. सादर...
nice one !!
very nice...
वाह वाह ..बहुत खूब...कह गए हास्य ब्यंग के सहारे बहुत गहरी बात ....
बेहद खुबसूरत ब्यंग ,बधाई..
बढ़िया ....
ReplyDeleteबहुत खूब ...
ReplyDeleteक्या बात है रविकर जी, बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteहँसते हँसते कह गये, तीखी तीखी बात
सूरज आते तप उठे, जैसे शीतल प्रात.
सादर...
nice one !!
ReplyDeletevery nice...
ReplyDeleteवाह वाह ..बहुत खूब...कह गए हास्य ब्यंग के सहारे बहुत गहरी बात ....
ReplyDeleteबेहद खुबसूरत ब्यंग ,बधाई..
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