दिल्ली
नाजायज पर एक दिन, भड़की सीधी गाय |
अडवाणी की बुद्धि पर, रहे तरस हम खाय |
रहे तरस हम खाय, अटल-सरकार पुरानी |
यही सोनिया माय, कही नाजायज बानी |
कर दो इसको माफ़, अर्थ तब नहीं पता था |
लिखे हुवे पर नाच, नची थी थैया ता था ||
अडवाणी की बुद्धि पर, रहे तरस हम खाय |
रहे तरस हम खाय, अटल-सरकार पुरानी |
यही सोनिया माय, कही नाजायज बानी |
कर दो इसको माफ़, अर्थ तब नहीं पता था |
लिखे हुवे पर नाच, नची थी थैया ता था ||
बंगाल
अदना मेदिनी पुर कृषक, पूछा एक सवाल |
ममता नक्सल कह उसे, झपट जेल में डाल |
झपट जेल में डाल, छात्रा के प्रश्नों पर|
माओवादी बोल, करे चुप उसको रविकर |
भेजा जरा खंगाल, कहीं सत्ता के मद में |
गोबर भरा बवाल, पड़े न नक्सल जद में ||
ममता नक्सल कह उसे, झपट जेल में डाल |
झपट जेल में डाल, छात्रा के प्रश्नों पर|
माओवादी बोल, करे चुप उसको रविकर |
भेजा जरा खंगाल, कहीं सत्ता के मद में |
गोबर भरा बवाल, पड़े न नक्सल जद में ||
बहुत खूब !
ReplyDeleteकहीं उम्र और सत्ता का है कहीं तकाज़ा देखो
ReplyDeleteनीति-अनीति भाड़ में जाए,चाल बदलना सीखो
ReplyDeleteझपट जेल में डाल, छात्रा के प्रश्नों पर|
माओवादी बोल, करे चुप उसको रविकर |
भेजा जरा खंगाल, कहीं सत्ता के मद में |
गोबर भरा बवाल, पड़े न नक्सल जद में ||.....अच्छी चेतावनी जारी .....
मेरी भी शुभ कामना उड़े पंख फैलाये
भारत भूमि से सूरज तक
'रविकर' दिनकर रौशनी लुटाये
दोहे -कविता -छंद मनोहर
प्राण भरे जन गण के मन में
पापी भ्रष्टाचारी के मन
शूल चुभें जीवन हर क्षण में
सदा पडोसी रहें हमारे
फ़ैजाबाद अवध 'वेला' में
हो सुगंध ब्लागिंग भी चमके
'भ्रमर' मिलें नित नूतन रस ले
बगिया हरी भरी हो महके
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल 'भ्रमर'५
प्रतापगढ़ , अवध उ.प्रदेश
परम मित्र दिनेश रविकर के जन्म-दिन पर ......
Posted by arun kumar nigam on August 15, 2012 at 10:19amSend Message View Blog
digg
" बधाई – कुण्डलिया "
ओ.बी.ओ. के फलक पर , देखा है संदेश
मना रहे हैं जन्म-दिन , गुप्ता चंद्र दिनेश
गुप्ता चंद्र दिनेश , कहे जाते हैं रविकर
वर्तमान धनबाद , फैजाबाद के कविवर
स्वस्थ-सफल हों आप,रहें हम सबके होके
अरुण बधाई देत ,मंच से ओ. बी. ओ. के ||