Rakesh Kumar ने Sobhagya Singh Inda का चित्र साझा किया
टीचर मुद्दत से सिखा, रहे अनोखी सीख |
वक्त सिखाये भी यही, किन्तु नहीं दे भीख |
किन्तु नहीं दे भीख, ज्ञान देकर के टीचर |
इम्तिहान ले रहा, पास भी होता रविकर |
किन्तु वक्त की शान, परीक्षा पहले लेकर |
दे जाता है सीख, बड़ा अलबेला टीचर ||
ये तो सीखने वाले पर निर्भर करता है वक्त के थपेड़ो से सीखेगा या ज्ञानी लोगो से ,वैसे सीख तो पल -पल के अच्छे बुरे अनुभवों से ही चिरस्मरणीय हो पाती है
ReplyDeleteप्रभावी,
ReplyDeleteशुभकामना,
जारी रहें !!
आर्यावर्त (समृद्ध भारत की आवाज)