अन्ना को अफ़सोस है, झाड़ू रहा अपूर्ण |
कृत्य उन्हीं का है सखे, मनसा करते चूर्ण |
मनसा करते चूर्ण , नहीं तो बहुमत आता |
प्यारा केजरिवाल, सही सरकार बनाता |
दिल्लीवासी झूल, रहो लेकिन चौकन्ना |
दुहराना मत भूल, त्रिशंकु करते जो अन्ना ||
Friday, 29 November 2013
टाल खरीद फरोख्त, करो दिल्ली की रच्छा-
Tuesday, 19 November 2013
अन्ना करे विलाप, हमारे धन से लड़ता-
लड़ता भ्रष्टाचार से, आज आप हित आप |
आप दुखी है बाप से, अन्ना से सन्ताप |
अन्ना से सन्ताप, चंद चंदे का चक्कर |
सदाचार संदिग्ध, हुआ है चेला शक्कर |
आंदोलन से आप, इलेक्शन खातिर बढ़ता |
अन्ना करे विलाप, हमारे धन से लड़ता ||
Tuesday, 5 November 2013
कीचड़ में अरविन्द, कहाँ शीला-अर सीला-
अरसीला अरविन्द *अर, अथ शीला सरकार |
दृष्टि-बुरी जब कमल पर, होगा बंटाधार |
होगा बंटाधार, खेल फिर झारखण्ड सा |
जन त्रिशंकु आदेश, खेल खेलेगा पैसा |
बाढ़े भ्रष्टाचार, प्रशासन फिर से ढीला |
कीचड़ में अरविन्द, कहाँ शीला-अर सीला |
अर = जिद
सीला =गीला / सीलन
अरसीला = आलसी
TUESDAY, 30 JULY 2013
खिलें इसी में कमल, आँख का पानी, कीचड़
कीचड़ कितना चिपचिपा, चिपके चिपके चक्षु |
चर्म-चक्षु से गाय भी, दीखे उन्हें तरक्षु |
दीखे जिन्हें तरक्षु, व्यर्थ का भय फैलाता |
बने धर्म निरपेक्ष, धर्म की खाता-गाता |
कर ले कीचड़ साफ़, अन्यथा पापी-लीचड़ |
खिलें इसी में कमल, आँख का पानी, कीचड़ |
चर्म-चक्षु=स्थूल दृष्टि
तरक्षु=लकडबग्घा
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कमल खिलेंगे बहुत पर, राहु-केतु हैं बंकु |
चौदह के चौपाल की, है उम्मीद त्रिशंकु | है उम्मीद त्रिशंकु, भानुमति खोल पिटारा | करे रोज इफ्तार, धर्म-निरपेक्षी नारा | ले "मकार" को साध, कुशासन फिर से देंगे | कीचड़ तो तैयार, कमल पर कहाँ खिलेंगे ??
*Minority
*Muthuvel-Karunanidhi
*Mulaayam
*Maayaa
*Mamta
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nice.
ReplyDeleteसबसे ज्यादा खुशी दिल्ली के परिणामोँ से हुई आम आदमी की खास लडाई और बहुत लाजबाव जीत। इस जीत ने निरंकुश और संवेदनहीन होते जा रहे सत्ताधीशों को एक बड़ा सबक दिया है। "आप" की यह जीत उस तथ्य की भी सुखद पुनर्स्थापना करती दिखाई देती है की लोकतंत्र में सबसे बड़ी ताकत आम आदमी की ही है।
khoob
ReplyDeleteगजब।
ReplyDeleteवाह बहुत सुंदर :)
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