पकडे गए इन दुश्मनों ने,
भोज सालों है किया |
मारे गए उन दुश्मनों की
लाश को इज्जत दिया ||
लाश को ताबूत में रखपाक को भेजा किये |
पर शिकायत यह नहीं कि
आप कुछ बेजा किये ---
राम-लीला हो रही |
है सही बिलकुल सही ||
रेल के घायल कराहें,
कर्मियों की नजर मैली |
जेब कितनों की कटी, लुट गए असबाब-थैली |
तृन-मूली रेलमंत्री
यात्री सब घास-मूली
संग में जाकर बॉस के
कर रहे थे अलग रैली |
राम-लीला हो रही |
है सही बिलकुल सही ||
नक्सली हमले में उड़ते
वाहनों संग पुलिसकर्मी |
कूड़ा गाडी में ढोवाये,
कूड़ा गाडी में ढोवाये,
व्यवस्था है या बेशर्मी |
दोस्तों संग दुश्मनी तो
दोस्तों संग दुश्मनी तो
दुश्मनों से बड़ी नरमी ||
राम-लीला हो रही |
है सही बिलकुल सही ||
वास्तविकता का सही चित्रण किया है आपने.
ReplyDeleteसही चित्रण ...
ReplyDeleteव्यवस्था की बखूबी बखिया उघेरती झकझोरती...अतिसर्थक रचना....
ReplyDeleteसाधुवाद !!!!
अब्यवस्था की पोल खोलती ..अंतर्मन को झकझोरती यथार्थ का चित्रण करती सार्थक रचना....अभिनन्दन !!!
ReplyDeleteवास्तविकता का सही चित्रण किया है आपने.
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