मोहन करता दंडवत, सम्मुख पिद्दी देश,
देकर एकड़ चार सौ, लौटा आज स्वदेश |
लौटा आज स्वदेश, पाक को कितना हिस्सा,
काश्मीर का देत, बता दे पूरा किस्सा |
काश्मीर का देत, बता दे पूरा किस्सा |
रही सोनिया डांट, करे न मेरा *जोहन, *(इन्तजार)
यहाँ करे यस-मैम, वहाँ क्यूँ बोला मोहन ??
yahi hota hai rajneeti men :)
ReplyDeleteसटीक रचना।
ReplyDeleteअब कभी कभी तो बोलने देना चाहिए ... सटीक व्यंग
ReplyDeleteसटीक व्यंग ।
ReplyDeleteबहुत सही...सटीक...मारक...
ReplyDeleteबहुत खूब कही है ...
ReplyDeleteखूबसूरत
ReplyDeleteयही तो सियासत का खेल है ....
ReplyDeleteकरारा व्यंग....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
ReplyDeleteसादर बधाई ||
क्या बात है अच्छी खबर ली काग भगोड़े की .ये नोबेल शान्ति पुरूस्कार के लिए देश बेच देंगें .उस पाक से दोस्ती निभायेंगें ,जिसके तमाम रिश्ते सभी से नापाक हैं .jahaan aatankvaadi bhi "pro "और "Anti -Pak " .
ReplyDeleteशनिवार, १० सितम्बर २०११
अब वो अन्ना से तो पल्ल्ला छुडा रहें हैं .