स्विस बैंक इठलात है, कैसा खिला नसीब।धारा दौलत की बही, भारत कहाँ गरीब?॥ सादर।
कम संसाधन,संख्या ज़्यादाबचेगा जीवन,आधा-आधा!
रविकर जी प्रणाम !बहुत ही अच्छी मेरे ब्लॉग पर आने और सुन्दर काव्यात्मक टिप्पणी से नवाजने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद मेरा नया नारा है .... "सब झूठों की आफत है - वोट हमारी ताकत है "
बहुत खूब लिखा है.खूबसूरत अभिव्यक्ति.
स्विस बैंक इठलात है, कैसा खिला नसीब।
ReplyDeleteधारा दौलत की बही, भारत कहाँ गरीब?॥
सादर।
कम संसाधन,संख्या ज़्यादा
ReplyDeleteबचेगा जीवन,आधा-आधा!
रविकर जी प्रणाम !
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी
मेरे ब्लॉग पर आने और सुन्दर काव्यात्मक टिप्पणी से नवाजने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
मेरा नया नारा है .... "सब झूठों की आफत है - वोट हमारी ताकत है "
बहुत खूब लिखा है.खूबसूरत अभिव्यक्ति.
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