३०० ब्लॉगों के अनुसरण-कर्ता
का आकलन
बत्तिस प्रतिशत दर्द है, केवल दो उपचार ।
तीन फीसदी ब्लॉग पर, होती केवल मार ।
होती केवल मार, रूठना गाली-गुप्ता ।
केवल प्रतिशत एक, ब्लॉग पर पाठक हँसता ।
दर्शन धर्म अतीत, यात्रा नीति सिखाती ।
दो प्रतिशत ये ब्लॉग, साठ पर साढ़े-साती ।।
सही कहा आपने, आपसे सहमत ...
ReplyDeleteवाह रविकर जी............
ReplyDeleteवाकई आपका जवाब नहीं....
:-)
बहुत बढ़िया दोहे...
अनु
सटीक और प्रासंगिक .
ReplyDeleteक्या विश्लेषण है, वाह रविकर जी ।
ReplyDeleteअपनी तरह का अनुभव.वैसे मार-धाड़ ही हिट है यहाँ !
ReplyDeleteBilkul sahi baat ....
ReplyDeleteसही आकलन है रविकर भैया ...
ReplyDeleteशुभकामनायें !
sahi kahk aapne
ReplyDelete:D
ReplyDelete100 प्रतिशत तय
ReplyDeleteAAP TO SACHHI BOLTA....YE BAAT AAPAN BHI JHUTH NAHI BOLTA?
ReplyDeletePRANAM.
सूची जारी कर देते तो रवि रवि हो जाते समस्त ब्लॉग वाले।
ReplyDeleteएक दम सही बात कही है आपने कई ब्लॉग तो बम्बैया फिल्मों के अंदाज़ में ठुम्मक ठूँ कर रहें हैं .हर तरह का मसाला यहाँ उपलब्ध है .
ReplyDeleteआकलन सही किया है आपने....आभार!
ReplyDeleteसटीक आकलन किया है आपने
ReplyDeleteमस्त अंदाज़ और सटीक आंकलन
ReplyDeleteसादर
कोई कोई ब्लाग पर कोई नहीं है आता
ReplyDeleteपता नहीं फिर भी ब्लागर लिखता जाता ।
बहुत खूब ... :)
ReplyDeleteबत्तिस प्रतिशत दर्द है* मन की भड़ास
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