26 April, 2012

पप्पी से कर द्वेष, जलाये पप्पू मन को -

The Report said: Many interesting types of the fraudulent practices came into light, for instance, the Road Contractors submitted fake invoices for buying bitumen and other road construction materials, also wrong entries were made in log books and based on that the Contractors and the Government Officials claimed that the Road construction work was complete. In addition some Contractors were favoured in realization of liquidated damages, grant of advances for mobilization and equipments. Also the reports filed by the National Quality Monitor / State Quality Monitor on the poor quality of roads and doubtful procurement of bitumen were ignored by the Government Authorities. The result is pathetic quality of rural roads in Jharkhand.
 (१)
खनिज सम्पदा लूट के,  होते मालामाल ।
झारखण्ड की दुर्दशा,  बढ़े साल दर साल ।

बढ़े साल दर साल, स्वार्थी अफसर नेता ।
नक्सल पुलिस दलाल, आम-जनता को रेता ।

हुई व्यवस्था ध्वस्त, सहे जनता दुःख-विपदा ।
बर-बंडी सब मस्त,  लूटते  खनिज संपदा ।।

We cannot allow our children to work


(२)
परिजन को बरगला के, तस्कर दुष्ट दलाल ।
महानगर में बेंच दें, लाखों बाला-बाल ।

लाखों बाला-बाल,  सड़ें बंगले में जाकर ।
करते सारे काम,  पेट भर झापड़ खाकर ।

पप्पी से कर द्वेष, जलाये पप्पू मन को ।
सहता रहे कलेश,  कोस के घर परिजन को ।।
Every year thousands of minor Adivasi girls from the Jharkhand Region of Indian states like Jharkhand, West Bengal, Bihar, Chhattisgarh and Orissa are trafficked to Delhi, Mumbai and other Indian metro cities into bonded labour. Adivasi girls often start their journeys being lured by promises of a better life. Once landing in the big city, they spend years working as bonded slaves with the “Job Placement Agencies” taking most of their salary since, these Adivasi girls are so naïve and completely helpless to raise their voice
(३)
महानगर में खट रहे, लाखों औरत मर्द ।
तारकोल सीमेंट से, लिखते जाते दर्द । 

लिखते जाते दर्द, व्यथा बढती ही जाए ।
सरपट दौड़े सड़क, नगर पुल भवन बनाए । 

किन्तु श्रमिक परिवार, भटकता रहा डगर में ।
शिक्षा-स्वास्थ्य बगैर, गुजरता महानगर में ।।

7 comments:

  1. GREAT!!!!!!!
    बहुत सार्थक प्रस्तुति.....
    हर रिपोर्ट को जस्टिफाय करती....

    सादर.

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  2. बहुत सुंदर और सार्थक प्रस्तुति...आभार

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  3. बहुत बढ़िया सर!


    सादर

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  4. लाजवाब एवं सामयिक प्रस्तुति । मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद ।

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  5. क्या बात आज तो पप्पू
    की चांदी हो गयी
    यहां भी है पप्पू वहाँ भी
    ना जाने है और कहाँ कहाँ भी ?

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  6. खनिज सम्पदा लूट के, होते मालामाल ।
    झारखण्ड की दुर्दशा, बढ़े साल दर साल ।
    बढ़े साल दर साल, स्वार्थी अफसर नेता ।
    नक्सल पुलिस दलाल, आम-जनता को रेता ।बहुत ऊंचे पाए की पोस्ट है मार्मिक ,मारक यथार्थ के सामने लाके पटकती पाठक को .
    .बधाई स्वीकार करें .

    कृपया यहाँ भी पधारें रक्त तांत्रिक गांधिक आकर्षण है यह ,मामूली नशा नहीं
    शुक्रवार, 27 अप्रैल 2012

    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/04/blog-post_2612.html
    मार -कुटौवल से होती है बच्चों के खानदानी अणुओं में भी टूट फूट
    Posted 26th April by veerubhai
    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/04/blog-post_27.html

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  7. सत्य को खोल कर रख दिया.....बहुत बढ़िया

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