आग बुझ गयी अच्छा हुवाअब बस धुआँ ही रह गया ।
बची चमड़ी न दमड़ीpolitician ate it allbeautiful poem
वाह रविकर जी बहुत अच्छी कुंडली लगाईं है ...वाह
आग बुझ गयी अच्छा हुवा
ReplyDeleteअब बस धुआँ ही रह गया ।
बची चमड़ी न दमड़ी
ReplyDeletepolitician ate it all
beautiful poem
वाह रविकर जी बहुत अच्छी कुंडली लगाईं है ...वाह
ReplyDelete