01 August, 2012

Matrimonial / वैवाहिकी

शिवा ने चित्र भेजा 
 (1)
सास-ससुर पति ननद दो, भावी दो संतान।
स्नेह-सूत्र में बाँध ले, जो कन्या मुस्कान ।

जो कन्या मुस्कान, व्यवस्था घर की सारी ।
एक्जीक्यूटिव रैंक, सैलरी  रखे हमारी ।

मन श्रद्धा-विश्वास, परस्पर सुख-दुःख बांटे ।
बने धुरी मजबूत, गृहस्थी भर फर्राटे ।।

कृपया क्लिक करें  
निवेदक-कुमार शिवा
 25 अप्रैल 1988, 5'8'', 55 Kg , रंग साफ़,
 B Tech -MNNIT इलाहाबाद -
TCIL, Telecommunication विभाग 
भारत सरकार 
नई दिल्ली में  E-2
आजकल - आबुधाबी में पदस्थापित 
जातिबंधन-सर्व वैश्य मान  
छोटी बहने:अविवाहित 
1) मनु NIT दुर्गापुर से B Tech 
TCS लखनऊ में कार्यरत 
2) स्वस्ति-मेधा BIET झाँसी में 
Chemical Engg, B Tech 3rd Year
पिता 
दिनेश चन्द्र गुप्ता "रविकर"
STA , Department of Electronics 
ISM, Dhanbad / लोग इसे IIT Dhanbad के नाम से जानते हैं 
माता
घर की वर्तमान प्रभारी : जिन्हें अपने बच्चों पर गर्व है ।
माँ को समर्पित कुंडली 
 (2)
होलीडे इकदम नहीं, भर जीवन संघर्ष ।
यदा-कदा सिक लीव है, कठिन वर्ष दर वर्ष ।

कठिन वर्ष दर वर्ष , हर्ष के पल खुब पायी।
नहीं कहीं प्रतिबन्ध, स्वयं से मन बहलायी।

 कोटि-कोटि आभार, मिली जो प्यारी माता ।
घर भर की आधार, हमारी भाग्य-बिधाता ।।
नोट:
(3)
नारी वादी सोच से, नहीं कहीं तकरार ।
किन्तु प्राथमिकता मिले, दोनों कुल परिवार ।

दोनों कुल परिवार, रखे अक्षुण मर्यादा ।
हो अपनों से प्यार, स्वयं से पक्का वादा ।

कर खुद का उत्थान, देश हित रख कर आगे ।
ईश्वर पर विश्वास, सरलतम जीवन मांगे । 
 

(4)
केवल अपना स्वार्थ ही, करते रहिये सिद्ध ।
बाकी जाएँ भाड़ में, ऐसे जीव निषिद्ध ।

ऐसे जीव निषिद्ध, वृद्धि सीमित अपने तक ।
 ऋद्धि-सिद्धि गृह भूल, जानती है केवल हक़ 

कर्तव्यों को बोझ, समझते हैं जो प्रानी ।
करें अकेले मौज, करें बस बात सयानी ।

(5)
जीवन भर पढता रहा, बना एक ही ध्येय ।
इक अच्छा इंसान बन, पूजू सब श्रद्धेय ।

पूंजू सब श्रद्धेय, धर्म संस्कृति की पूजा ।
ढूंढ़ रहा हमसफ़र, चक्र गाड़ी का दूजा ।

सदाचार आचरण, सदा सम्मानित नारी
करूँ जिन्दगी वरण, बनूँ पक्का व्यवहारी ।।

6 comments:

  1. केवल अपना स्वार्थ ही, करते रहिये सिद्ध ।
    बाकी जाएँ भाड़ में, ऐसे जीव निषिद्ध ।
    कठिन वर्ष दर वर्ष , "हर्ष के पल खुब पायी।"
    नहीं कहीं प्रतिबन्ध, स्वयं से मन बहलायी।
    खूब पल हर्ष के पाई ,करें ,वर्तनी भी शुद्ध हो जायेगी ,लय,गेयता ,वर्तनी भी .

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  2. हम तो समझे नहीं...क्या सच्ची वैवाहिक विज्ञापन है???

    शेष कुण्डलियाँ बहुत सुन्दर...
    सादर
    अनु

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    1. आभार-
      हाँ भाई हाँ |
      शत-प्रतिशत-
      २०१३ में / सुपुत्र शिवा और सुपुत्री मनु -
      दोनों की सहमती मिल चुकी है-

      सादर

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  3. मौन सिंह इस मर्तबा १५ अगस्त को लाल किले पर नहीं चढ़ पायेंगे .आठ अगस्त को ही बाबा रामदेव को दिल्ली पहुँचने से पहले गिरिफ्तार कर लिया जाएगा /मरवाया भी जा सकता है .लाखों समर्थक ९ अगस्त को दिल्ली पहुँच नहीं पायेंगे .इससे पहले देश में साम्प्रदायिक झगडे करवा दिए जायेंगे .उसी में कुछ होगा .मौन साधे बैठी साम्राज्ञी पुणे के बम विस्फोट पे शांत है इस आतंकी हरकत को इन्डियन मुजाहिदीन की करतूत बतलाने से अकलियत के वोट जो कट जायेंगें .
    करेंगे मिलकर भ्रष्टाचार ,
    क्या कर लेंगे भकुवा वोटर ,
    जन गन मन भी है लाचार .

    सलमान खुर्शीद कहतें हैं देश रमजान में व्यस्त है .पुणे के धमाके क्या नव नियुक्त गृह मंत्री के स्वागत में किए गए हैं .कितना महान है देखो भारत देश ये तो साइकिल बम ही हैं यहाँ आके तो आतंकी भी शहीद हो जातें हैं .शहीद पद पा जाते हैं .आतंकी दस्ते .शहीद होने ही आतें हैं इस महान देश में .
    नौ अगस्त से पहले राम देव जी के दिल्ली आवाहन से पहले दिल्ली पुलिस फिर उन्हें दिल्ली के बाहर ही सलवार पहन वायेगी .

    वह महारानी जिसने पूडल पाल रखे हैं यह नहीं समझती देश पहले ही एक बार धर्म के आधार पर बंट चुका है .चुप्पी साधे बैठी है .और ये मौन सिंह इन महाशय के नामकरण में गलती हो गई ग्रंथि से ,राशि वही रही मनमोहन सिंह नहीं यह मौन सिंह हैं .

    देश की बे -इज्ज़ती होने के बाद भी यह कहतें हैं : देश की नहीं मन मोहन सिंह की तौहीन हुई है ब्रिटेन में .
    अरे भाई पुणे के विस्फोटों को लोकल इफेक्ट क्यों नहीं बतलाते ?

    लोकल सबोतेज़ को क्यों नहीं मानते आप ?

    कहीं अकलियत का वोट न चला जाए ?

    और ये चैनालिए कहतें हैं पांच ब्लास्ट हुए हैं लोग महाराष्ट्र में खुशियाँ मना रहें हैं नव -नियुक्त गृह मंत्री का स्वागत कर रहें हैं .

    हाय हाय वोट !अकलियत का वोट .अल्पसंख्यकों का वोट .
    आई एम् में नहीं है खोट .
    आई एम् बोले तो -इन्डियन मुजाहीदीन .
    बरजो ,गरजो भाई रविकर ,उठो ,कविता लिखो रविकर .

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  4. मनचाही बहू और नेक दामाद मिले...शुभकामनाएँ !!

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  5. जल्दी मिले और हमको
    भी कुछ मिले !

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