बुरे काम का बुरा नतीजा |
चच्चा बाकी, चला भतीजा ||
गुरु-घंटालों मौज हो चुकी-
जल्दी ही तेरा भी तीजा ||
गाल बजाया चार साल तक -
आज खून से तख्ता भीजा ||
लगा एक का भोग अकेला-
महाकाल हाथों को मींजा ||
चौसठ लोगों का शठ खूनी -
रविकर ठंडा आज कलेजा ||
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शुरू कहानी जब हुई, करो फटाफट पूर ।
झूलें फांसी शेष जो, क्यूँ है दिल्ली दूर ??
क्यूँ है दिल्ली दूर, कड़े सन्देश जरूरी ।
एक एक निपटाय, प्रक्रिया कर ले पूरी ।
कुचल सकल आतंक, बचें नहिं पाकिस्तानी ।
सुदृढ़ इच्छा-शक्ति, हुई अब शुरू कहानी ।।
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हिस्से की फसल बह गई ! मन की बतिया मन में रह गई !!
ReplyDelete21 NOVEMBER, 2012
गुरु-घंटालों मौज हो चुकी, जल्दी ही तेरा भी तीजा-रविकर
बुरे काम का बुरा नतीजा |
चच्चा बाकी, चला भतीजा ||
गुरु-घंटालों मौज हो चुकी-
जल्दी ही तेरा भी तीजा ||
गाल बजाया चार साल तक -
आज खून से तख्ता भीजा ||
लगा एक का भोग अकेला-
महाकाल हाथों को मींजा ||
चौसठ लोगों का शठ खूनी -
रविकर ठंडा आज कलेजा ||
घड़ा. भर चुका कांग्रेस का अब फूटा और तब फूटा .बहुत बढ़िया रविकर भाई .
बढिया, बहुत सुंदर
ReplyDeleteअभी तो बहुत बाकी हैं!
ReplyDeleteपहला गजब है....!
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