(1)
नारा की नाराजगी, जगी आज की भोर ।
यह नारा कमजोर था, नारा नारीखोर ।
नारा नारीखोर, लगा सड़कों पर नारा ।
नर नारी इक साथ, देश सारा हुंकारा।
कर के पश्चाताप, मुख्य आरोपी मारा ।
नेता नारेबाज, पाप से करो किनारा ॥
(2)
साफ़ सूपड़ा कर रहा, रोज मीडिया बोल ।
अर्थ हारकर खोजता, शब्दकोश को खोल ।
शब्दकोश को खोल, जरा मतलब समझाओ ।
हुई कहाँ उत्पत्ति, जरा इतिहास बताओ ।
आकर्षक यह शब्द, कमाए शब्द रोकडा ।
भाव समझ कापुरुष, अन्यथा साफ़ सूपड़ा ॥
ReplyDeleteदिनांक 13/03/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
वाह ... यहाँ भी हैं ... बहुत खूब ...
ReplyDeleteवाह, बहुत खूब
ReplyDeleteबेहतरीन सार्थक प्रस्तुति
सादर !