05 October, 2013

बढे धरा की शान, बने रविकर सद्कर्मी-

सद्कर्मी रचता रहे, हितकारी साहित्य |
प्राणि-जगत को दे जगा, करे श्रेष्ठतम कृत्य |

करे श्रेष्ठतम कृत्य, धर्म जब हो बेचारा |
होय भोग का भृत्य, चरण चौथा भी वारा |

होंय सफल तब विज्ञ, सुधारें दुष्ट अधर्मी |
बढे धरा की शान, बने रविकर सद्कर्मी ||

5 comments:

  1. बहुत ख़ूब! नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

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  2. होंय सफल तब विज्ञ, सुधारें दुष्ट अधर्मी |
    बढे धरा की शान, बने रविकर सद्कर्मी ||
    सत्य वचन जी ..काश हम सत्कर्म की महत्ता को समझें ..
    नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं..जय माता दी
    भ्रमर ५

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  3. बढ़िया दृष्टि सार्थक कलम .

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  4. बढ़िया दृष्टि सार्थक कलम .

    बढ़े धरा की शान
    रविकर

    बढे धरा की शान, बने रविकर सद्कर्मी-
    सद्कर्मी रचता रहे, हितकारी साहित्य |
    प्राणि-जगत को दे जगा, करे श्रेष्ठतम कृत्य |

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