सद्कर्मी रचता रहे, हितकारी साहित्य |
प्राणि-जगत को दे जगा, करे श्रेष्ठतम कृत्य |
करे श्रेष्ठतम कृत्य, धर्म जब हो बेचारा |
होय भोग का भृत्य, चरण चौथा भी वारा |
होंय सफल तब विज्ञ, सुधारें दुष्ट अधर्मी |
बढे धरा की शान, बने रविकर सद्कर्मी ||
बहुत ख़ूब! नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteहोंय सफल तब विज्ञ, सुधारें दुष्ट अधर्मी |
ReplyDeleteबढे धरा की शान, बने रविकर सद्कर्मी ||
सत्य वचन जी ..काश हम सत्कर्म की महत्ता को समझें ..
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं..जय माता दी
भ्रमर ५
बढ़िया,सुन्दर।
ReplyDeleteबढ़िया दृष्टि सार्थक कलम .
ReplyDeleteबढ़िया दृष्टि सार्थक कलम .
ReplyDeleteबढ़े धरा की शान
रविकर
बढे धरा की शान, बने रविकर सद्कर्मी-
सद्कर्मी रचता रहे, हितकारी साहित्य |
प्राणि-जगत को दे जगा, करे श्रेष्ठतम कृत्य |