अध्यादेश वापिस लेनें में राजनितिक नौटंकी के सिवा क्या था !!
पूरण खण्डेलवाल
सू सू करके क्लास में, ले मम्मी की राय |
"किचन कैबिनट" तोड़ के, देता बाप रूलाय |
देता बाप रूलाय, हमारे बबलू भोले |
नौटंकी के पात्र, तनिक सा ज्यादा बोले |
रही मात्र इक चाह, किस तरह मुद्दा *मूसू |
खेद-खाद बकवास, कहीं भी करता सू सू ||
*चुराकर ले भागना
सू सू कानों में हो रही है
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