15 December, 2013
मत'वाले ये चार, फतह दिल्ली कर लेते -
गोटी कर दे लाल जो, झाड़ू दिया बुहार |
हार गले में डालके, मत'वाले ये चार |
मत'वाले ये चार, फतह दिल्ली कर लेते |
खा के मीठे आम, गुठलियां पकड़ा देते |
इत रोटी भी नाँय, उधर रोटी पर बोटी |
उत डीलक्स उड़ान, भूत की इधर लँगोटी ||
2 comments:
सुशील कुमार जोशी
15 December 2013 at 19:59
हा हा मस्त है !
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Neetu Singhal
16 December 2013 at 03:43
डीलक्स ? चार्टर पिलेन कहिए.....
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हा हा मस्त है !
ReplyDeleteडीलक्स ? चार्टर पिलेन कहिए.....
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