02 December, 2013

हल्दी नमक लगाय, तेल में तलती मुर्गा

मुर्गा कुकडूं-कूँ करे, फिर दिनभर बेचैन |
लगे अड़ंगे व्याह में, तेल-मैन की रैन |

तेल-मैन की रैन, नहीं हल्दी आ पाई |
बीते कई मुहूर्त, टले हर बार सगाई |

इक दिन मौका पाय, पकड़ता उनका गुर्गा |
हल्दी नमक लगाय, तेल में तलती मुर्गा ||

तेल-मैन = विवाह के एक दिन पहले के कार्यक्रम 

3 comments:

  1. बहुत सुन्दर है भाई .

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  2. आदरणीय , बहुत बढ़िया कृति , धन्यवाद

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  3. संध्याकालीन अभिवादन !
    रोचक कुंडली !!

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