30 May, 2016

कर रविकर सद्कर्म, पचा सुख भोजन पैसा

पैसा भोजन सुख पचे, स्वस्थ सुखी हों आप |
अहंकार चर्बी बढ़े, बढ़े अन्यथा पाप |
बढ़े अन्यथा पाप, तोड़ दे "सुख" मर्यादा |
जाय मनुजता भूल, बढ़े गर "पैसा" ज्यादा |
बढ़े वात-कफ-पित्त, चित्त इक रोगी जैसा |
रविकर करो उपाय, पचे सुख भोजन पैसा ||

2 comments: