21 July, 2016

दोहे-

तन्त्र-मन्त्र-संयन्त्र को, दे षडयंत्र हराय।
शकुनि-कंस की काट है, केवल कृष्ण उपाय।।


बारिस होती देख जब, पंछी रहे लुकाय।
बादल के ऊपर उड़े, बाज बाज ना आय।।
भारी बारिस में जहाँ, पंछी रहे लुकाय।
बाज बाज आये नहीं, बादल पे चढ़ जाय ।।
विकट-परिस्थिति तोड़ दे, अगर आत्म-विश्वास।
देखो व्यक्ति-विशेष को, तोड़ चुका जो फाँस।।

राजनीति जब वोट की, करें सिद्ध वे स्वार्थ |
राष्ट्र-नीति बीमार है, मोहग्रस्त है पार्थ ||

1 comment: