सहो प्रसव-पीड़ा तनिक, पुनर्जन्म के वक्त।
मांगे मोदी धैर्य कुछ, कहाँ मांगता रक्त।।
चौथा खंभा नोचता, खुद को जब खिसियाय।
ब्लैकमेल का धन दिखे, जन गण मन मुस्काय।।
नमो कभी भी मत नमो, हों सम्मुख जब दुष्ट।
आतंकी नक्सल खफा, देशभक्त संतुष्ट।।
सही कार्यवाही हुई, गलत लोग गमगीन।
पीर सही जाती नहीं, जर के बाद जमीन।।
आतंकी से भी अधिक, निरहू-घुरहू रुष्ट |
बड़े नोट बदले गए, क्यों रे मोदी दुष्ट ||
धक्के खा लो बैंक में, पत्थर से तो नर्म।
तुम भी सैनिक देश के, करो राष्ट्र हित कर्म।।
मांगे मोदी धैर्य कुछ, कहाँ मांगता रक्त।।
चौथा खंभा नोचता, खुद को जब खिसियाय।
ब्लैकमेल का धन दिखे, जन गण मन मुस्काय।।
नमो कभी भी मत नमो, हों सम्मुख जब दुष्ट।
आतंकी नक्सल खफा, देशभक्त संतुष्ट।।
सही कार्यवाही हुई, गलत लोग गमगीन।
पीर सही जाती नहीं, जर के बाद जमीन।।
आतंकी से भी अधिक, निरहू-घुरहू रुष्ट |
बड़े नोट बदले गए, क्यों रे मोदी दुष्ट ||
धक्के खा लो बैंक में, पत्थर से तो नर्म।
तुम भी सैनिक देश के, करो राष्ट्र हित कर्म।।
बहुत खूब :)
ReplyDeleteYou have to share such a wonderful post,, you can convert your text in book format
ReplyDeletepublish online book with Online Gatha
वाह क्या बात है, जय मोदी जी।
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