11 April, 2011
पोसिये दिल से बच्चा
गोद बिठाते ही दिया आँख में अंगुली डाल
जग में ऐसी लरिकई, करते खड़े सवाल
करते खड़े सवाल
, संभल कर रहना भाई
यही आँख का नूर, आँख से नीर बहाई
कह 'रविकर' कविराय, पोसिये दिल से बच्चा
करिए कम उम्मीद, रखेंगे ईश्वर अच्छा
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