27 April, 2011

सुपुत्र कुमार शिवा ( http://kushkikritiyan.blogspot.com) को लिखे पत्र , आजकल आबुधाबी में executive engineer के रूप में पदस्थापित हैं.

MNNIT, इलाहाबाद--
सीख लो तुम बात दिल की बोलना 
बोलने से ठीक पहले तोलना
            गर इजाजत दे कुशी तेरा जमीर
            राज दिल के गूढ़, अपने खोलना
जिंदगी के रास्ते बेहद कठिन
कठिन पथ से मत कभी तुम डोलना
             कर मुहब्बत की इबादत हृदय से 
             घृणा जीवन में कभी न घोलना        
गर कहानी रास्ते से भटक जाए 
खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना 
*                *                  *                 *
TCIL नई दिल्ली-- 
समस्या समय की जो हल कर चले-
जानिए जिंदगी वे सफल कर चले.
अगर दौर मुश्किल का आये भी तो 
सदा धैर्य पथ पर संभल कर चले .
दशा राहु-मंगल-शनि की सदा-
आत्म पुरुषार्थ से वे विफल कर चले.
क्रूर तूफान की जब भवर में फंसे-
डोर 'रविकर' मिली तो निकल कर चले  
जान जाये तो जाये हमें छोड़ कर 
नज्मे-गुलशन खिला दिल-बदल कर चले.
*                *               *                 * 


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