(1)
ओसामा औ ओबामा में फर्क कहाँ है ??
ओसामा औ ओबामा में फर्क कहाँ है ??
दोनों से ही खौफ़जदा हर मुल्क यहाँ है.
कत्लो-गारद की साजिश में शामिल दोनों
कत्लो-गारद की साजिश में शामिल दोनों
आम आदमी मारा जाता, त्रस्त जहां है
विस्फोटों से धरा उड़ायें सौ-सौ बारी
तथाकथित ये जेहादी, वो जमा वहाँ है
राजनीति की ताकत से वो घुसकर मारे
राजनीति की ताकत से वो घुसकर मारे
इस जेहादी ताकत से भी खून बहा है
ओसामा औ ओबामा में फर्क कहाँ है ??
ओसामा औ ओबामा में फर्क कहाँ है ??
नीति-नियति की, बारीकी से कर विश्लेषण
संसाधन-सम्पदा-प्रशासन मूल रहा है
धर्म-आस्था पूजा-पद्धति से क्या मतलब
हिंसा केवल हिंसा ने मस्तिष्क गहा है
अमरीका के जीरो ग्राउंड पर कैंडिल हैं
पढ़ें फातेहा उन्मादी, वो रहा जहाँ है
ओसामा औ ओबामा में फर्क कहाँ है ??
ओसामा औ ओबामा में फर्क कहाँ है ??
क्लिंटन, बुश, ओबामा, इक हठ-विचार है
हठ-विचार था ओसामा, जो रात दहा है
इस वैचारिक समरभूमि के कातिल दोनों
सीधी-साधी सन्तति ने, संहार सहा है
अब तो चेतो दुनिया भर के ए ! बाशिंदों
अति वाद का अजगर सबको लील रहा है
ओसामा औ ओबामा में फर्क कहाँ है ??(2)
ऐब ऐबटाबाद में, गया आज जो मिट
ओबामा की कोशिशें, हो गई सारी हिट
अमरीका के जो लगा, जख्म पे मरहम आज
दस सालों से हर जगह, रहा था अक्सर पिट
पर आतंकी डंक यह, है बेहद मजबूत
रंग दिखलायेगा बदल, है असली गिरगिट
हारेगा हर हाल में, लेकिन आतंकवाद
मानवता जीते सदा, ईश्वर लेख अमिट
दुनिया के सबसे समृद्ध देश की जनता द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से चुने गये एक नेता और निर्दयी, वहशी आतंकवादी दरिन्दों के तानाशाही सरगना में फर्क तो रहेगा ही। कविता कैसी है इस पर अभी बात नहीं कर पाऊंगा क्योंकि ओबामा और ओसामा की समानता की धारणा ही काफी विचलित कर देने वाली है।
ReplyDeletemy first reaction was-
ReplyDeleteऐब ऐबटाबाद में, गया आज जो मिट
ओबामा की कोशिशें, हो गई सारी हिट
अमरीका के जो लगा, जख्म पे मरहम आज
दस सालों से हर जगह, रहा था अक्सर पिट
पर आतंकी डंक यह, है बेहद मजबूत
रंग दिखलायेगा बदल, है असली गिरगिट
हारेगा हर हाल में, लेकिन आतंकवाद
मानवता जीते सदा, ईश्वर लेख अमिट
dineshkidillagi.blogspot.com se
aapke majboot vichaaron se mere vichaaron me majbooti aayegi, vishvaas karen. Thanks
नीति-नियति की, बारीकी से कर विश्लेषण
ReplyDeleteसंसाधन-सम्पदा-प्रशासन मूल रहा है
aapne jarur dekhi hongi.
inhe bhi dekh len
क्लिंटन, बुश, ओबामा, इक हठ-विचार है
हठ-विचार था ओसामा, जो रात दहा है
इस वैचारिक समरभूमि के कातिल दोनों
सीधी-साधी सन्तति ने, संहार सहा है