सब घबराहट नाहक है, धरती बड़ी नियामक है
इस इक्कीस क़यामत है, भ्रामक है अति भ्रामक है
पावन पुस्तक का आधार, लेकर उल्टा-पुल्टा सार ऐसे खोजी को धिक्कार, करते भय का कटु-व्यापार,
गर इसपर विश्वास अपार, नहीं पंथ का दुष्प्रचार करके पक्का सोच-विचार, खुद को ले जल्दी से मार
जो आनी सचमुच शामत है, इस इक्कीस क़यामत है
भ्रामक है अति भ्रामक है, धरती बड़ी नियामक है
सर्दी इधर उधर बरसात, घटते दिन तो बढती रातलावा से हो सत्यानाश, बढती फिर जीने की आस
तेल उगलती तपती रेत, बन जाते उपजाऊ खेत
करे संतुलित सारी चीज, अन्तर्निहित रखे हर बीज
पाप हमारे करती माफ़, बाधाओं को करती साफ़ सब घबराहट नाहक है, धरती बड़ी नियामक है
इस इक्कीस क़यामत है, भ्रामक है अति भ्रामक है
और आज २३ मई है----कल पूरे उत्तर-भारत में
गरजी बिजली बादल छाये, अन्धड़ और बवंडर आये,
पेड़ उखाड़े भवन ढहाये, ओले भी कोहराम मचाये
जीव-जंतु जब जान गवायें, दहशत से मानव घबराए
जीव-जंतु जब जान गवायें, दहशत से मानव घबराए
पर पूरी धरा सलामत है----(http://pittpat.blogspot.com/ के टिप्पणी से )
सब घबराहट नाहक है, धरती बड़ी नियामक है
इस इक्कीस क़यामत है, भ्रामक है अति भ्रामक है
सही कहा, भ्रामक है। 21 गुज़री 22 आयी, दुनिया सलामत ही रही!
ReplyDeleteऔर आज २३ मई है----कल पूरे उत्तर-भारत में
ReplyDeleteअन्धड़ और बवंडर आये,
पेड़ उखाड़े भवन ढहाए
जीव-जंतु भी जान गवाए
दहशत में मानव भरमाये---
पर पूरी धरा सलामत है---- (http://pittpat.blogspot.com/ के टिप्पणी से )
सब घबराहट नाहक है, धरती बड़ी नियामक है
इस इक्कीस क़यामत है, भ्रामक है अति भ्रामक है
बहुत ही अच्छा ब्लॉग लगा आपका ,मै पहली बार यहाँ आया.और काफी सारी पोस्ट्स चेक की.आपको काफी गहरा कवी पाया.आपकी मोहब्बत नामा की कमेंट्स ने मुझे आपके बारे में जानने के लिए प्रेरित किया.और मै दिल से आपकी मेहनतों की आपकी कोशिशो की प्रशंसा करता हूँ.
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