अपनी बाइक को कहें पुष्पक, मेरी कार सरकारी परिवहन
उनकी मदिरा कहलाये सोमरस, मेरा प्याज भी खाना दुर्व्यसन
मेरा आदर-भाव लगे चापलूसी, उनकी हिकारत भी नमन
मेरे चुटकुले करें बदतमीजी, उनका क़त्ल करना भी टशन
मेरी ठिठोली गम्भीर छेड़-छाड़, उनका व्यभिचार भी बड़प्पन
मेरी पूजा लगे ढकोसला, उधर गालियों से हो प्रवचन
मेरे चूल्हे से फैले प्रदूषण, उनकी चिता भी जले तो हवन
अफवाह उड़े तो तेज तूफ़ान, उनका तहलका भी शीतल पवन
मेरी विनम्रता लगे दीनता, बोल्डनेस है उनका अकड़पन
मेरी हकीकत होती घमंड , उनके कमीनेपन में भी वजन
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