बीते कई अब्द * *साल
मिले न शब्द --
जद्दोजहद |
चाहूँ लिखना--
परन्तु
नहीं जद्द-बद्द ||
ढूंढता हूँ एक शब्द --
मिलते ही
स्नेह से पुचकारुंगा |
उसकी आत्मा को पुकारूँगा |
यदि आई तो ठीक
नहीं तो उसे
पटकूंगा-झटकुंगा |
तोडूंगा-मरोडूंगा
काट के -फाड़ के |
जैसे भी शब्द से
कुछ भाव निकाल के |
परोस दूंगा ||
अब बारी पाठक की
झेलता रहे--
अगर भाव सकारात्मक तो
नीति या सन्देश |
और अगर नकारात्मक तो
हास्य-व्यंग ||
नजरिया नहीं है तंग --
है यदि भाव-विहीन
तो क्या?
पाठक झेले
कुछ देर "शब्द" से खेले ||
अब बारी पाठक की
ReplyDeleteझेलता रहे--
अगर भाव सकारात्मक तो
नीति या सन्देश |
और अगर नकारात्मक तो
हास्य-व्यंग |
नजरिया नहीं है तंग --
है यदि भाव-विहीन
तो क्या?
पाठक झेले
कुछ देर "शब्द" से खेले ||
पाठक का क्या है
थोडा पढ़ेगा
थोडा देखेगा
जो सोचा है आपने
वो नहीं होगा
अपनी उँगलियों से
चंद शब्द लिखेगा और
आगे बढ़ जायेगा.
झेलने को न वो बना है
न झेलेगा.
बड़े शांत मन लग रहे हैं आप |
ReplyDeleteएकदम नहीं पड़ी आप पर --
इस शब्द की छाप ||
आभार |
४९ वी जरुर पड़ें |
अब बारी पाठक की
ReplyDeleteझेलता रहे--
अगर भाव सकारात्मक तो
नीति या सन्देश |
और अगर नकारात्मक तो
हास्य-व्यंग |
नजरिया नहीं है तंग --
है यदि भाव-विहीन
तो क्या?
पाठक झेले
कुछ देर "शब्द" से खेले ||bahut hi badhiyaa
आभार |
ReplyDelete४९ वी जरुर पड़ें |
बहुत अच्छा...जब आप पाठक को इतना कहेंगे तो उसे झेलना तो पड़ेगा ही..
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार |
ReplyDeleteमिलते रहें हम |
सुंदर शब्द
ReplyDeleteदुनाली पर देखें
बाप की अदालत में सचिन तेंदुलकर
बहुत बहुत आभार ||
ReplyDeleteदुनाली पर अच्छी काल्पनिक प्रस्तुति ||
है यदि भाव-विहीन
ReplyDeleteतो क्या?
पाठक झेले
कुछ देर "शब्द" से खेले |
Wakaee, kawi ki itani jaddojahad ke bad pathak ko itana to karna hee chahiye.
है यदि भाव-विहीन
ReplyDeleteतो क्या?
पाठक झेले
कुछ देर "शब्द" से खेले
पाठक को तो उसे झेलना पड़ेगा ही.
बहुत-बहुत आभार |
ReplyDeleteआपका काव्य, प्रेरित एवं
उत्साहित करता है लगातार ||
कल 21/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
आप तो रोज ही कुछ न कुछ परोसते रहते हैं.
ReplyDeleteबधाई एक और प्रस्तुति के लिए
बहुत है उम्दा लेखन.....बेहतरीन
ReplyDelete“रच ना पाना टीस है, रचना पाना जीत
ReplyDeleteरचना मन अम्बर मिले, रच ना मेरे मीत”
बढ़िया अभिव्यक्ति... सादर बधाई...
वाह ...बहुत ही बढि़या ।
ReplyDelete