03 June, 2011

व्यस्त जमाने के पहलू में ऊँघे बच्चा

कनरसिया के कानों के भी कान-खजूरे---
मनभावन सुर-तालों को अब  बेढब घूरे ||

व्यस्त जमाने के पहलू में ऊँघे  बच्चा 
कैसे  पूरे  हों  बप्पा   के  ख़्वाब   अधूरे ||

कनकैया-कनकौवा का कर काँचा माँझा
आकाश-पुष्प की खातिर भागे भटके-झूरे  ||  

युवा मनाकर आठ पर्व  को  नौ-नौ  बारी
भूली - बिसरी  परम्पराएँ      पूरी     तूरे ||

नैतिकता के अधो-पतन ने घर बिसराया 
भोग-विलासी जीवन के हित पागल पूरे ||
 

3 comments:

  1. युवा मनाकर आठ पर्व को नौ-नौ बारी
    भूली - बिसरी परम्पराएँ पूरी तूरे
    bahut badhiya .

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  2. बच्चा तो बचपन खो ही देता है आजकल.......

    व्यस्त जमाने के पहलू में ऊँघे बच्चा
    कैसे पूरे हों बप्पा के ख़्वाब अधूरे ||

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