कनरसिया के कानों के भी कान-खजूरे---
मनभावन सुर-तालों को अब बेढब घूरे ||
व्यस्त जमाने के पहलू में ऊँघे बच्चा
कैसे पूरे हों बप्पा के ख़्वाब अधूरे ||
कनकैया-कनकौवा का कर काँचा माँझा
युवा मनाकर आठ पर्व को नौ-नौ बारी
कनकैया-कनकौवा का कर काँचा माँझा
आकाश-पुष्प की खातिर भागे भटके-झूरे ||
युवा मनाकर आठ पर्व को नौ-नौ बारी
भूली - बिसरी परम्पराएँ पूरी तूरे ||
नैतिकता के अधो-पतन ने घर बिसराया
नैतिकता के अधो-पतन ने घर बिसराया
भोग-विलासी जीवन के हित पागल पूरे ||
युवा मनाकर आठ पर्व को नौ-नौ बारी
ReplyDeleteभूली - बिसरी परम्पराएँ पूरी तूरे
bahut badhiya .
Nice creation .
ReplyDeleteबच्चा तो बचपन खो ही देता है आजकल.......
ReplyDeleteव्यस्त जमाने के पहलू में ऊँघे बच्चा
कैसे पूरे हों बप्पा के ख़्वाब अधूरे ||