डरना सीखो--भूत-पिशाच से नहीं,
बल्कि नर-पिशाच से |
डरना सीखो--महाविनाश से नहीं,
बल्कि नरक-आँच से ||
डरना सीखो--सिर-बिठाने से नहीं,
बल्कि नंगे-नाच से |
डरना सीखो--राज-काज से नहीं,
बल्कि अन्धी-जाँच से |
डरना सीखो--तर्क-शास्त्र से नहीं,
बल्कि तीन-पाँच से |
बल्कि तीन-पाँच से |
डरना सीखो--"दमन-राज" से नहीं,
बल्कि आत्म-साँच से ||
लगता है कि अब तो डरना ही पडेगा।
ReplyDeleteभाई जी !
ReplyDeleteजाट डरता नहीं है--मैंने तो यही सुना है|
सही है ये डर तो होना और यही अपनालो.
ReplyDeleteआप सभी का आभार .
ReplyDelete१० मिनट पहले ही बोध-गया से लौटा हूँ, पहले आपसब की नई पोस्ट का रसास्वादन कर लूँ फिर---
डरना सीखो--तर्क-शास्त्र से नहीं,
ReplyDeleteबल्कि तीन-पाँच से |
डरना सीखो--"दमन-राज" से नहीं,
बल्कि आत्म-साँच से ||
kash log ye soch pate .bahut khub kaha hai aapne
rachana
रचना जी बहुत-बहुत आभार ||
ReplyDeleteसही कहा है..
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