नेह-निमंत्रण
परसे* नैना | *परोसना
जन्म-जन्म के
करषे* नैना | | *आकर्षित
प्रियतम को अब
तरसे नैना |
कितने लम्बे-
अरसे नैना ||
हौले - हौले
बरसे नैना |
जाते अब तो
मर से नैना ||
अब आये क्यूँ
घर से नैना |
जरा जोर से
वाह! अति सुन्दर!
ReplyDeleteTo,
ReplyDeleteSmart Indian - स्मार्ट इंडियन
हरसे नैना ||
बेहतरीन शब्द रचना ।
ReplyDeleteमहोदया |
ReplyDeleteहरसे नैना ||
बहुत खूब.
ReplyDeleteनैना डस लेंगे..... वाह वाह.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति..
ReplyDeleteप्रियतम को अब
ReplyDeleteतरसे नैना |
कितने लम्बे-
अरसे नैना ||
bahut khoob bhav prashuti :)
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मैं , मेरा बचपन और मेरी माँ || (^_^) ||
क्या मुझे प्यार का सलीका भी नहीं आया था ?? || मनसा ||
बेहद ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना!
ReplyDeleteबिम्ब प्रयोग दर्शनीय है...कोमल भावों को मनमोहक अभिव्यक्ति दी है आपने...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना...
कीर्ति जी , सिंह स डी म जी, शालिनी जी, मनीष जी , बबली जी और रंजना जी बहुत-बहुत आभार |
ReplyDeleteहरसे नैना ||
मेरे नैना, तेरे नैना, उसके नैना,
ReplyDeleteवाह क्या कहना, नैना ही नैना |
ReplyDeleteशुभ शुभ बीते ये रैना ||
बेहद ख़ूबसूरत रचना
ReplyDeleteइसके नैना उसकें नैना
ReplyDeleteनैना जुड़ कर हरसे नैना ...
सुन्दर शब्द प्रयोग !
वाणी गीत और कुश्वंश जी बहुत-बहुत आभार |
ReplyDeleteहरसे नैना ||