बाँछे खिलती जा रही है गजनवी की |
आँखे खुलती जा रही हैं हम सभी की ||
अंग्रेजों ने कल वहाँ अफ़सोस मनाया,
उनकी बड़ी यही गलती है, तीन सदी की ||
कोहिनूर सरीखे कई काम अंजाम दिए पर
व्यर्थ हुआ जो छोटी-मोटी बड़ी ठगी की ||
उधर गजनवी नरकवास में मुहं को ढापे-
सोचे मन में, सोमनाथ से व्यर्थ घटी की ||
नादिरशाह सरीखे कितने मन के लंगड़े -
उत्तर-भारत की जनता पर चोट बड़ी की |
दक्खिन के मठ-मंदिर का संकल्प तेज था
पाई-पाई संरक्षित कर बात बड़ी की ||
रविकर को विश्वास हुआ कि भारत माता
सारे जग से अच्छी , बातें सोन-चिड़ी की ||
रविकर को विश्वास हुआ कि भारत माता
ReplyDeleteसारे जग से अच्छी , बातें सोन-चिड़ी की |
क्या बात है रविकर जी,बिलकुल सही विश्वास हुआ.
बहुत हे सुन्दर आप की कल्पनाये |
ReplyDeleteजी हाँ
ReplyDeleteसारे जग से अच्छी , बातें सोन-चिड़ी की |
अब लग रहा है कि इन हिन्दुओं का धन, किसी भी युग में कोई भी ले लो, ये कभी उफ़ तक ना करेंगे।
ReplyDeleteलूट लो इनका माल लूटाने कि लिये ही तो रखा हुआ है, अगर काम का होता तो कहीं लगा नहीं देते?
आप के पास कथानकों का भण्डार है|
ReplyDeleteबेहतर है मुक़ाबला करना
प्रिय रविकर जी बहुत अच्छी प्रस्तुति इतिहास दिखाती सच में कौन जानता था की छुपी धरोहर यहाँ पड़ी है गोरी गजनी नादिरशाह अंग्रेज ठगे होंगे -सपने काफूर कब्र में भी उनके -
ReplyDeleteशुक्ल भ्रमर ५
उधर गजनवी नरकवास में मुहं को ढापे-
सोचे मन में, सोमनाथ से व्यर्थ घटी की ||
aaderniy ravikar ji
ReplyDeleteaitihasik pristh bhumi ko saral aur suruchi purna tarike se aapne prastut kiya..euin hi prayas karte rahein... aur hamein itihas ki baatein batate rahein..pranam
सही कह रहे हैं ... अँगरेज़ भी आज यहाँ के खजाने को देख पछता रहे होंगे ..अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteरविकर को विश्वास हुआ कि भारत माता
ReplyDeleteसारे जग से अच्छी , बातें सोन-चिड़ी की ||
अद्भुत। सारे ऐतिहसिक पात्रों को प्रतीक के रूप में प्रयोग कर डाला। यह आप ही कर सकते हैं।
अंग्रेजों ने कल वहाँ अफ़सोस मनाया,
ReplyDeleteउनकी बड़ी यही गलती है, तीन सदी की ||behtareen
सारे जग से अच्छी बातें सोंन चिड़ी की .
ReplyDeleteसब विषयों पर हँसते गाते रविकर जी की .
s
itihaas ki ghatnaao ki acchhi roop rekha kheenchi hai.
ReplyDeleteबातें सोन-चिड़ी की ..बहुत सुन्दर रचना,शुभकामनायें
ReplyDeleteरविकर को विश्वास हुआ कि भारत माता
ReplyDeleteसारे जग से अच्छी , बातें सोन-चिड़ी की ||..बहुत ही सुन्दर रचना
शुभकामनाएं ...
very very nice post.
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति..सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा..
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