17 July, 2011

ये मैं हूँ --

मध्य-वर्ग की दोगली, रही सदा से नीत |
नीचे हरदम  दूसता, ऊपर  करता  प्रीत ||   दूसना = ऐब लगाना

भेद  भरे  बरताव से, सदा  प्रेरणा लेत |
ऊपर से  जो लेत है  ,  सीधे  नीचे  देत ||



मुद्रा *मुधा  बनाय के, मुद्रा  दाबे  दांत |       *व्यर्थ
दो  पैसे   के  वास्ते,  तोड़े   भागे  पांत ||

इस योनी का ये मजा,  ऊपर  नीचे  भेंट |
दाँत दिखा उत पार्टी, पंख दिखा इत डेट ||
दाँत दिखाना = चापलूसी करना
                                              
पंख दिखाना से तात्पर्य है ऊँचा उड़ाने का ख़्वाब ||
चमगीदड़ सी आदतें ,  पूरा किन्तु  करैत |   करैत = विषैला सांप
टक्कर में आते नहीं,  कुक्कुर गीदड़ प्रेत |
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गर जुगाड़ से पा गया,  धन सम्पदा अकूत |
निज अतीत को भूलकर, बनता जाता भूत ||

बड़ा दिखावा है इधर, घर  न  भूंजी  भाँग |
पुत्र निठल्ला घूमता, बीस लाख की मांग ||

12 comments:

  1. चमगीदड़ सी आदतें , पूरा किन्तु करैत |
    टक्कर में आते नहीं, कुक्कुर गीदड़ प्रेत ||
    मध्य वर्ग पर ब्यंग युक्त सटीक कटाक्ष करती बेहतरीन प्रस्तुति...
    शुभकामनाएं !!!

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  2. बड़ा दिखावा है इधर, घर न भूंजी भाँग |
    पुत्र निठल्ला घूमता, बीस लाख की मांग |
    सुन्दर कटाक्ष

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  3. बेहतरीन दोहे ..अच्छा कटाक्ष करते हुए

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  4. हर इक पंक्ति में गहरी बात छिपी है ।पहली बार पढा आपको...अच्छा लगा...हर इक पंक्ति में गहरी बात छिपी है ।पहली बार पढा आपको...अच्छा लगा...

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  5. दोहे सुन्दर और सटीक है ..आभार

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  6. गर जुगाड़ से पा गया, धन सम्पदा अकूत |
    निज अतीत को भूलकर, बनता जाता भूत ||
    ..bahut badiya sateek vyang!

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  7. अपने उपर कटाक्ष काफी सुंदर और सटीक हैं,पसंद आया
    कृष्ण गोपाल गुप्ता.मुंबई.

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  8. सार्थक और उद्देश्यपूर्ण रचना

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  9. बीच के लोगों की ,सैन -वीच में फंसे स्लाइस की मजबूरी पिसते बने रहने की ,रीस और बेहूदा होड़ को आइना दिखाती प्रस्तुति , यह काम रविकर दोहावली ही कर सकती है नित नित नए कलेवर संग .
    show dictionary for regional words always.

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  10. बहुत-बहुत आभार ||

    दूसना = ऐब लगाना / कलंक लगाना
    करैत = विषैला सांप
    दाँत दिखाना = चापलूसी करना
    पंख दिखाना से तात्पर्य है ऊँचा उड़ाने ख़्वाब ||

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  11. बहुत सुंदर रचना है.....बहुत बहुत आभार ..

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