गम भरा *गम-छा निचोड़ा, *अंगौछा
बीच में ही *फींच छोड़ा | * धोना
दर्द रिश्ते से रिसा तो,
खूबसूरत मोड़ मोड़ा |
चल न पाये दो कदम प्रिय
गिर गए गम-*गोड़ तोड़ा | *पैर
नौ दो ग्यारह हो गए-उफ़
किस तरह का जोड़ जोड़ा |
आज भी घूरे खड़ा वह
राह का मगरूर रोड़ा |
धूप गम-छा क्या सुखाये-
घास का अब दोस्त घोड़ा |
इश्क की फुन्सी हुई थी
बन चुकी नासूर-फोड़ा |
घूर "रविकर" घूर ले तो
अंत उफ़ आसान थोड़ा ||
घूर = घूमने के अर्थ में बहुधा प्रयुक्त होता है भोजपुरी मे,
बीच में ही *फींच छोड़ा | * धोना
दर्द रिश्ते से रिसा तो,
खूबसूरत मोड़ मोड़ा |
चल न पाये दो कदम प्रिय
गिर गए गम-*गोड़ तोड़ा | *पैर
नौ दो ग्यारह हो गए-उफ़
किस तरह का जोड़ जोड़ा |
आज भी घूरे खड़ा वह
राह का मगरूर रोड़ा |
धूप गम-छा क्या सुखाये-
घास का अब दोस्त घोड़ा |
इश्क की फुन्सी हुई थी
बन चुकी नासूर-फोड़ा |
घूर "रविकर" घूर ले तो
अंत उफ़ आसान थोड़ा ||
घूर = घूमने के अर्थ में बहुधा प्रयुक्त होता है भोजपुरी मे,
बहुत ही अलग अन्दाज़ की प्यारी रचना।
ReplyDeletekuch hatke utre bhaw
ReplyDeleteवाकई बहुत सुंदर रचना है
ReplyDeletekuch alag lagi
ReplyDeletebahut khhob :)
धूप गम-छा क्या सुखाये-
ReplyDeleteघास का अब दोस्त घोड़ा |
इश्क की फुन्सी हुई थी
बन चुकी नासूर-फोड़ा |
..bahut badiya anuthi rachna..
यही कहूँगा बस.....माशा अल्लाह ....
ReplyDeleteमन को छूती रचना |
ReplyDeleteआशा
मन को छूती रचना |
ReplyDeleteआशा
इश्क की फुन्सी हुई थी
ReplyDeleteबन चुकी नासूर-फोड़ा |
वाह ...क्या बात है जी ...दिल के पुराने घाव को उकेरती हुई सी लेखनी .....बहुत खूब
खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
ReplyDeleteसादर,
डोरोथी.
छंद निर्वाह के साथ साथ शब्दों के सुंदर प्रयोग
ReplyDeleteबधाई रविकर जी
वाकई बहुत सुंदर रचना है
ReplyDeleteबहुत सामयिक और अपने समय की गुहार है यह खूबसूरत ग़ज़ल आपकी ,आपकी ही तरह .आप से भी खूबसूरत ,आप के अंदाज़ हैं .......
ReplyDeleteदर्द रिश्तों से रिसा तो खूब सूरत ,मोड़ मोड़ा ,
इश्क की फुंसी हुई थी ,बन चुकी नासूड़ फोड़ा . ,एक एक अश -आर मर -बे-हवा ,काबिले दीद ,वाह क्या कहने हैं रविकर भाई हमारे के .ग़ज़ल का गोदाम हैं आप हुज़ूर ,चिनिया बादाम हैं .
धूप गम-छा क्या सुखाये-
ReplyDeleteघास का अब दोस्त घोड़ा |..बहुत खुबसूरत प्रस्तुति..धन्यबाद..
बहुत सुन्दर...बधाई
ReplyDeletenayaapan liye huye ek rachna....
ReplyDeletehttp://teri-galatfahmi.blogspot.com/
रचना का तीखापन पसंद आया ! हार्दिक शुभकामनायें आपको !
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