19 August, 2011

आपकी सलाह चाहिए--

एक अद्यतन खोज का, प्रतिपादित निष्कर्ष |
बढ़कर के अब थम चुका, बुद्धि का उत्कर्ष ||

करूँ  निवेदन  आपसे, बुद्धि कर दो  कम |
बुद्धि  से ही बढ़ रहे,  दुनिया भर के गम ||

छोटी - छोटी  भंगिमा,  भावों  का  सन्देश |
कर नंगा कह देत है,  किते प्रेम कित द्वेष ||

याददाश्त   लम्बी  हुई,  भूले   न   अपमान |
किन्तु स्वार्थ पल में परे, कर देता एहसान ||

है सच्चा अब भी भला, बनमानुस भगवान् |
मक्कारी  से  दूर  है,  यही  सही  इन्सान ||

गोबर ही बन कर रहे, प्यारा  मित्र  गणेश |
कष्टों की अनुभूतियाँ, बढ़ा सके न क्लेश ||

13 comments:

  1. छोटी - छोटी भंगिमा, भावों का सन्देश |
    कर नंगा कह देत है, किते प्रेम कित द्वेष ||बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति ,व्यंग्य परिष्कृत .क्रान्ति पर्व पर रविकर जी का अभिनन्दन .
    Live updates: Anna Hazare leaves Tihar jail to begin hunger strike


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    Confrontation between Team Anna and Delhi police ends as Anna Hazare gets permission for two weeks of fasting.

    Are you attending a protest?
    संसद में चेहरा बनके आओ माइक बनके नहीं .मौजूदा सरकार और प्रधान मंत्री जी के पास पद तो हैं ,प्रतीक नहीं हैं .संसद को कुछ वकीलों ने अदालत बना दिया है .गिनती की बात करतें हैं ये लोग ,अब चार आदमी भी अपने साथ ले आयें .सब एक दूसरे को जो घटित हुआ है उसके लिए दोषी ठेहरा रहें हैं .आधिकारिक प्रवक्ता अपने वजूद को कोस रहें हैं .
    दो पक्ष होतें हैं एक अच्छा एक बुरा .जब बुरा, बहुत बुरा हो जाता है तब अच्छाई उनके लिए भी स्वीकार्य हो जाती है .अन्ना जी एक प्रतीक बन उभरे हैं उज्जवल पक्ष के जिसे आभा सरकार के कालिख होते एहंकार ने दी है .
    प्रधान मंत्री "माइक" बनके संसद में आतें हैं सच और झूठ बोलते वक्त उनका चेहरा यकसां लगता है .अब भी वह अपनी गलती सुधार कर एक "चेहरा" बनके आ सकतें हैं .अपनी गलती मान के कह सकतें हैं ,अन्नाजी हम गलत थे ,हम आपके प्रस्तावों को विचारार्थ संसद के पटल पर विमर्श के लिए रखेंगे .हम आपके साथ हैं .

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  2. मक्कारी से दूर है, यही सही इन्सान ||


    सुंदर रचना... सुंदर सन्देश के साथ.

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  3. करूँ निवेदन आपसे, बुद्धि कर दो कम |
    बुद्धि से ही बढ़ रहे, दुनिया भर के गम ||

    बेहद खूबसूरत...

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  4. बुद्धि से ही बढ़ रहे, दुनिया भर के गम ..
    jordar dohe...
    sadar bdhai..

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  5. सुंदर सन्देश ...बेहद खूबसूरत...

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  6. सार्थक सन्देश...

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  7. अच्छी प्रस्तुति ...सार्थक सन्देश के साथ .

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  8. करूँ निवेदन आपसे, बुद्धि कर दो कम |
    बुद्धि से ही बढ़ रहे, दुनिया भर के गम ||
    bilkul sahi nivedan,

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  9. bahut hi sundar rachna likhi hai sir....

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  10. खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
    सादर,
    डोरोथी.

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  11. संदेश देती बहुत उम्दा रचना |
    रविकर जी, इस नये ब्लॉग में आयें |
    काव्य का संसारसंदेश देती बहुत उम्दा रचना |
    रविकर जी, इस नये ब्लॉग में आयें |
    काव्य का संसार

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