बहुत ज़ोरदार प्रस्तुति भाई साहब ! बकते शरद-पवार, अगर दम बांधों घन्टी | बुड्ढे बन के बॉस, खलेंगे सालों ट्वेंटी || शुक्रवार, २ सितम्बर २०११ शरद यादव ने जो कहा है वह विशेषाधिकार हनन नहीं है ? शरद यादव ने पहले अन्ना अनशन पर बहस के दौरान अपने दुर्मुख से अन्ना जी के खिलाफ व्यक्तिगत बहुत कुछ कहा था ,आन्दोलन की खिलाफत करते हुए और अब संसद के बाहर संसद के मूल भूत ढाँचे पर ही प्रहार कर रहें हैं । गुजरात की एक वृद्ध महिला राज्यपाल को बूढी गाय और राष्ट्रपति को सफ़ेद हाथी कहना ,संसद के बुनियादी ढाँचे ,संविधानिक पदों पर सीधा प्रहार है .क्या संसद के बाहर शरद यादव जी का किया गया यह अनर्गल प्रलाप "विशेषा -धिकार हनन "और संसद की अवमानना का मामला नहीं है ?या सिर्फ वही मामले संसद की अवमानना और विशेषाधिकार के अंतर्गत आतें हैं जो राम लीला मैदान से जन संवाद ,जन आक्रोश बन मुखरित होते हैं ? क्या विशेषाधिकार उस रूमाल की तरह है जो सांसदों की जेब में पड़ा है और जिससे जब मर्जी नाक पौंछ करसांसद उसे दोबारा जेब में डाल लेतें हैं ?
बची खुची नाक भी कटवा के ही आने का मूड लगता है इन लोगों का इस बार तो
ReplyDeleteab kuch bacha bhi kaha hai ..........kash koi samjhe
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteबकते शरद-पवार, अगर दम बांधों घन्टी |
ReplyDeleteबुड्ढे बन के बॉस, खलेंगे सालों ट्वेंटी
ये तो सब कुछ कर लेंगे.सुन्दर प्रस्तुति.
बहुत ज़ोरदार प्रस्तुति भाई साहब ! बकते शरद-पवार, अगर दम बांधों घन्टी | बुड्ढे बन के बॉस, खलेंगे सालों ट्वेंटी ||
ReplyDeleteशुक्रवार, २ सितम्बर २०११
शरद यादव ने जो कहा है वह विशेषाधिकार हनन नहीं है ?
शरद यादव ने पहले अन्ना अनशन पर बहस के दौरान अपने दुर्मुख से अन्ना जी के खिलाफ व्यक्तिगत बहुत कुछ कहा था ,आन्दोलन की खिलाफत करते हुए और अब संसद के बाहर संसद के मूल भूत ढाँचे पर ही प्रहार कर रहें हैं ।
गुजरात की एक वृद्ध महिला राज्यपाल को बूढी गाय और राष्ट्रपति को सफ़ेद हाथी कहना ,संसद के बुनियादी ढाँचे ,संविधानिक पदों पर सीधा प्रहार है .क्या संसद के बाहर शरद यादव जी का किया गया यह अनर्गल प्रलाप "विशेषा -धिकार हनन "और संसद की अवमानना का मामला नहीं है ?या सिर्फ वही मामले संसद की अवमानना और विशेषाधिकार के अंतर्गत आतें हैं जो राम लीला मैदान से जन संवाद ,जन आक्रोश बन मुखरित होते हैं ?
क्या विशेषाधिकार उस रूमाल की तरह है जो सांसदों की जेब में पड़ा है और जिससे जब मर्जी नाक पौंछ करसांसद उसे दोबारा जेब में डाल लेतें हैं ?