राजनीत हर चीज में, करें विपक्षी लोग |
प्रवक्ता विद्वान का, उलाहना संजोग |
उलाहना संजोग, नियम से जनपथ जाते |
सत्ता-सर के जीव, दूध से रोज धुलाते ||
दमन-शमन-बम-लूट, बढ़ाते इसी खीज में |
खप्पर छलके खून, इजाफा रक्त-बीज में ||
बहुत सुन्दर वाह!
ReplyDeleteएक शब्द ...... वाह
ReplyDeleteबहुत सुन्दर्…………माता रानी आपकी सभी मनोकामनाये पूर्ण करें और अपनी भक्ति और शक्ति से आपके ह्रदय मे अपनी ज्योति जगायें…………सबके लिये नवरात्रि शुभ हों
ReplyDeleteबहुत खूब .....क्या धोया है आपने
ReplyDeleteक्या खूब अन्दाज़ है
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत रचना , सुन्दर भाव ,बधाई
ReplyDeleteबहुत ही सशक्त अभिव्यक्ति ..नवरात्रों पर हार्दिक शुभ कामनाएं !!!
ReplyDeleteबहुत बहुत बहुत ही सही कहा...न जाने इन रक्तबीजों का विनाश कब होगा...होगा भी या नहीं ?
ReplyDeleteझकझोरती हुई बहुत ही सुन्दर रचना...