27 September, 2011

सत्ता-सर में बैठ , दूध से रोज नहाते ||


 
राजनीत  हर  चीज   में,  करें  विपक्षी  लोग |
प्रवक्ता    विद्वान    का,    उलाहना    संजोग |
उलाहना  संजोग,  नियम  से  जनपथ  जाते |
  सत्ता-सर   के   जीव,  दूध   से   रोज  धुलाते  ||
Police lathi-charge agitating workers near Mini Secretariat in Gurgaon on Monday.
दमन-शमन-बम-लूट,  बढ़ाते  इसी खीज में |
खप्पर  छलके  खून,  इजाफा  रक्त-बीज  में ||
http://1.bp.blogspot.com/-iTNGaEvx580/TmcktI6qgBI/AAAAAAAAF3U/Dh-2O0f8riU/00a55bab-cbc8-4b4e-966f-069a2964f7ceHiRes.JPG

8 comments:

  1. बहुत सुन्दर्…………माता रानी आपकी सभी मनोकामनाये पूर्ण करें और अपनी भक्ति और शक्ति से आपके ह्रदय मे अपनी ज्योति जगायें…………सबके लिये नवरात्रि शुभ हों

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  2. बहुत खूब .....क्या धोया है आपने

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  3. क्या खूब अन्दाज़ है

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  4. बहुत खूबसूरत रचना , सुन्दर भाव ,बधाई

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  5. बहुत ही सशक्त अभिव्यक्ति ..नवरात्रों पर हार्दिक शुभ कामनाएं !!!

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  6. बहुत बहुत बहुत ही सही कहा...न जाने इन रक्तबीजों का विनाश कब होगा...होगा भी या नहीं ?

    झकझोरती हुई बहुत ही सुन्दर रचना...

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