एक नए शोध की आवश्यकता है . शिखा कौशिक
भ्रष्टाचारी का सदा, धक्-धक् करे करेज |
जब तक मिले हराम की, करता नहीं गुरेज |
करता नहीं गुरेज, सात पुश्तों की खातिर |
लेकिन लोकायुक्त, कराता छापामारी |
होवे दिल में दर्द, मरे वो भ्रष्टाचारी ||
सीधी सच्ची और खरी बात तो यही है जो आपने कही है।
ReplyDeleteसादर
Bahut sundar.
ReplyDeleteSateek vyaakhya hai.
Badhai.
पता नहीं,भ्रष्टाचार की तबियत कब खराब होगी !
ReplyDeleteनवभारत टाइम्स
ReplyDeleteपाठको की राय
येदयुरप्पा के सीने में दर्द, अस्पताल में भर्ती
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dinesh,dhanbad,का कहना है:
भ्रष्टाचारी का सदा, धक्-धक् करे करेज |
जब तक मिले हराम की, करता नहीं गुरेज |
करता नहीं गुरेज, सात पुश्तों की खातिर |
चाहे धन संचयन,� होय निर्मम दिल शातिर |
लेकिन� लोकायुक्त,� कराता� छापामारी |
होवे� दिल� में� दर्द,� मरे� वो� भ्रष्टाचारी� ||
17 Oct 2011, 1759 hrs IST
सटीक लिखा है ..
ReplyDeleteकोल्हू में दो पेर इन्हें तो मन भर निकले तेल
ReplyDeleteलेकिन कडवा नीम सा कभी बने ना बेर
जब से आँखें खोले ये किये सदा ही वैर
इनकी किडनी हृदय का रहा कहाँ अब मोल ??
रविकर जी सुन्दर ..बड़ी प्रतिक्रियाएं आप को परिचय वाली पोस्ट पर आई हैं पढ़िए कुछ कहिये
भ्रमर ५
सटीक रचना..
ReplyDeleteवाह दिनेश जी ... सही लपेटा है इन नेताओ को ... ये इसी लायक हैं ....
ReplyDeleteवाह ....वाह
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