17 October, 2011

मेरी टिप्पणी

 एक नए शोध की आवश्यकता है . शिखा कौशिक
                          

भ्रष्टाचारी का सदा, धक्-धक् करे करेज |
जब तक मिले हराम की, करता नहीं गुरेज |

BS Yeddyurappa
करता नहीं गुरेज, सात पुश्तों की खातिर |
चाहे धन संचयन,  होय निर्मम दिल शातिर |
 
लेकिन  लोकायुक्त,  कराता  छापामारी |
होवे  दिल  में  दर्द,  मरे  वो  भ्रष्टाचारी  ||

9 comments:

  1. सीधी सच्ची और खरी बात तो यही है जो आपने कही है।

    सादर

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  2. पता नहीं,भ्रष्टाचार की तबियत कब खराब होगी !

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  3. नवभारत टाइम्स
    पाठको की राय
    येदयुरप्पा के सीने में दर्द, अस्पताल में भर्ती

    12345678
    dinesh,dhanbad,का कहना है:
    भ्रष्टाचारी का सदा, धक्-धक् करे करेज |
    जब तक मिले हराम की, करता नहीं गुरेज |
    करता नहीं गुरेज, सात पुश्तों की खातिर |
    चाहे धन संचयन,� होय निर्मम दिल शातिर |
    लेकिन� लोकायुक्त,� कराता� छापामारी |
    होवे� दिल� में� दर्द,� मरे� वो� भ्रष्टाचारी� ||
    17 Oct 2011, 1759 hrs IST

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  4. कोल्हू में दो पेर इन्हें तो मन भर निकले तेल
    लेकिन कडवा नीम सा कभी बने ना बेर
    जब से आँखें खोले ये किये सदा ही वैर
    इनकी किडनी हृदय का रहा कहाँ अब मोल ??

    रविकर जी सुन्दर ..बड़ी प्रतिक्रियाएं आप को परिचय वाली पोस्ट पर आई हैं पढ़िए कुछ कहिये
    भ्रमर ५

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  5. वाह दिनेश जी ... सही लपेटा है इन नेताओ को ... ये इसी लायक हैं ....

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