भगवान् पर अंगुली उठाकर आजकल बनते बड़े |
अश्लील चित्रण देवियों का, आँख में भरसक गड़े |
जब हाथ कंगन आरसी क्या , झूठ के पर्वत खड़े |
शोएब-चैपल कलम घिस्सू , गेम के लीचड़ बड़े |
जब खूब छक-के खाय छक्के, पैंट गीली हो गई |
तो खुद-ब-खुद रफ़्तार उसकी, पस्त ढीली हो गई |
फिर पाक ने पतलून फाड़ी, कर्ज भारी चढ़ गया |
अब दाल रोटी न चले तो, इक कहानी गढ़ गया ||
जब ब्रेड्मैनो ने जताया, है खिलाड़ी ये बड़ा |
तब कोच बन कर था डुबाया, खाट खेला का खड़ा |
वर्ल्ड कप पिछला ही जीता, गाल पर थप्पड़ जड़ा |
है मानसिक रोगी ग. चैपल, बेड ले खाली पड़ा ||
Career statistics | ||||
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Competition | Test | ODI | FC | LA |
Matches | 181 | 453 | 285 | 540 |
Runs scored | 14,965 | 18,111 | 23,884 | 21,663 |
Batting average | 56.25 | 45.16 | 59.26 | 45.89 |
100s/50s | 51/61 | 48/95 | 78/107 | 59/113 |
Top score | 248* | 200* | 248* | 200* |
Balls bowled | 4,132 | 8,032 | 7,497 | 10,220 |
Wickets | 45 | 154 | 70 | 201 |
Bowling average | 53.68 | 44.32 | 61.54 | 42.11 |
5 wickets in innings | 0 | 2 | 0 | 2 |
10 wickets in match | 0 | n/a | 0 | n/a |
Best bowling | 3/10 | 5/32 | 3/10 | 5/32 |
Catches/stumpings | 108/– | 136/– | 176/– | 171/– |
गेम के लीचड बडे इन कलम घिस्सूओं पर क्या ध्यान देना । सचिन तो बस दी सचिन हैं ।
ReplyDeleteछंद के साथ-साथ क्रिकेट के आंकडे भी
ReplyDeleteबहुत खूब
रविकर जी क्या बात है.
ReplyDeleteआपकी प्रस्तुति कमाल की है.
दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर भी आईयेगा.
बहुत खूब सर!
ReplyDeleteआपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
सादर
बढिया लिखा ..
ReplyDelete.. आपको दीपोत्सव की शुभकामनाएं !!
रविकर जी,
ReplyDeleteदीपावली की मंगलकामनायें!
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साल की सबसे अंधेरी रात में*
दीप इक जलता हुआ बस हाथ में
लेकर चलें करने धरा ज्योतिर्मयी
बन्द कर खाते बुरी बातों के हम
भूल कर के घाव उन घातों के हम
समझें सभी तकरार को बीती हुई
कड़वाहटों को छोड़ कर पीछे कहीं
अपना-पराया भूल कर झगडे सभी
प्रेम की गढ लें इमारत इक नई
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Kya karen ji baat inki
ReplyDeletePit-pit ke jo baahar huve
Hain aankde dete gavaahi
Nahin dekhte kyon ye mue!
सुन्दर छन्द बद्ध प्रस्तुति
ReplyDeleteदिवाली, भाई दूज और नव वर्ष की शुभकामनायें
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* आप सबको दीवाली की रामराम !*
*~* भाईदूज की बधाई और मंगलकामनाएं !*~*
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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बहुत ही अच्छा लिखा है आपने ,,,
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति ..