निकृष्ट जीवन
आत्मा अशुद्ध
भूलते यथार्थ
अनर्गलता पुष्ट
देखने को हर्षित नव-वर्ष है अधीर अहा! बहुत सुन्दर भाव हैं.आपके दर्शनों के लिए मेरा ब्लॉग अधीर है जी.
बहुत सुन्दर भाव ......
सुन्दर सृजन |
हां,न चेते तो कोई फर्क़ नहीं पड़ेगा कि नव वर्ष कब आया,कब गया।
बहुत सुंदर रचना...सपरिवार नव वर्ष की शुभकामनाएँ!
निकृष्ट जीवन आत्मा अशुद्ध भूलते यथार्थ अनर्गलता पुष्ट ........................बेहतरीन ...उम्दा...नववर्ष मंगलमय हो
behtreen..........
सुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति ...
बहुत सटीक लिखा है आपने!आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी होगी!सूचनार्थ!
सुन्दर अंदाज... बढ़िया रचना...सादर.
bahut sundar...!
नववर्ष मंगलमय हो
चेतो रे चश्मों बहाओ प्रेम-नीरदेखने को हर्षित नव-वर्ष है अधीर बहुत खूब ... उत्तम अभिव्यक्ति ...आपको नए साल की शुभकामनायें ..
बहुत सुन्दर
देखने को हर्षित
ReplyDeleteनव-वर्ष है अधीर
अहा! बहुत सुन्दर भाव हैं.
आपके दर्शनों के लिए मेरा ब्लॉग अधीर है जी.
बहुत सुन्दर भाव ......
ReplyDeleteसुन्दर सृजन |
ReplyDeleteहां,न चेते तो कोई फर्क़ नहीं पड़ेगा कि नव वर्ष कब आया,कब गया।
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना...सपरिवार नव वर्ष की शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteनिकृष्ट जीवन
ReplyDeleteआत्मा अशुद्ध
भूलते यथार्थ
अनर्गलता पुष्ट ........................बेहतरीन ...उम्दा...
नववर्ष मंगलमय हो
behtreen..........
ReplyDeleteसुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteबहुत सटीक लिखा है आपने!
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
सुन्दर अंदाज... बढ़िया रचना...
ReplyDeleteसादर.
bahut sundar...!
ReplyDeleteनववर्ष मंगलमय हो
ReplyDeleteचेतो रे चश्मों
ReplyDeleteबहाओ प्रेम-नीर
देखने को हर्षित
नव-वर्ष है अधीर
बहुत खूब ... उत्तम अभिव्यक्ति ...
आपको नए साल की शुभकामनायें ..
बहुत सुन्दर
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