न्यूज़-नार्वे सरकार ने भारतीय माँ बाप से बच्चे छीने !!
नारी मन इन नार्वे, तन है एक मशीन ।
नारी मन इन नार्वे, तन है एक मशीन ।
नर-नारी तन भारती, दीन हीन गमगीन ।
दीन हीन गमगीन, दूर से ताको बच्चा।
छीनेगी सरकार, करे गर करतब कच्चा ।
साथ सुलाए बाप, खिला दे गर महतारी ।
गलत परवरिश भांप, रोय नर हारे नारी ।।
भारत की नारी करे, पल-पल अद्भुत त्याग ।
थपकी देकर दे सुला, दुग्ध अमिय अनुराग।
दुग्ध अमिय अनुराग, नार्वे की महतारी ।
पुत्र सोय गर साथ, नींद बिन रात गुजारी ।
कह रविकर परवरिश, सदा ही श्रेष्ठ हमारी।
ममता से भरपूर, पूज भारत की नारी ।।
सही है ...भारत की नारी पूजनीय तो हैं ही
ReplyDeleteनार्वे में भी तो बेचारी वो भारतीय नारी ही थी ... जो हाथ से खिला रही थी अपने बच्चे को ..
ReplyDeleteरविकर जी आखिर वहाँ का कानून क्या और कैसे खाना खाने की आज्ञा देता है?
ReplyDeleteबहुत ही सही कहा आपने...क्या संस्कृति है इनकी, आश्चर्य होता है...
ReplyDeleteबिलकुल ठीक - तभी तो हमें अपनी संस्कृति पर गर्व होता है.
ReplyDeleteसंस्कृति का फर्क है या कुछ और ...
ReplyDeleteहमे गर्व है अपने संस्कृति पर बहुत सुंदर प्रस्तुति,
ReplyDeleteWELCOME TO NEW POST --26 जनवरी आया है....
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....
बहुत सुंदर लिखा है आपने ..
ReplyDeleteबिल्कुल सही फ़रमाया जनाब।
ReplyDelete