- मेरे ब्लॉग पर न आयें, वर्ना हर्ज़े खर्चे के ज़िम्मेदार आप होंगे.
और चर्चाकार ने क्षमा मांग ली ।
पर दो दिनों से आपत्तिजनक अंश ढूंढ़ रहा हूँ --
कृपया आप भी मदद करें
सौन्दर्य दर्शन और गाडी चालन : चर्चा मंच 778
रही अनवरत फर्ज , भाग बेचैन आत्मा।
ये हैं कुल 26 लिंक
(१)
प्रस्तुत चित्र के अनुसार शाब्दिक अर्थ
"दुर्ग पुलिस इस नुक्कड़ पर बैनर के माध्यम से कह रही है कि
सौन्दर्य दर्शन और गाडी चालन एक साथ न करें ।
(२)
भारतीय नारी सिखा, रही अनवरत फर्ज ।
इस पंक्ति में १० लिंक प्रस्तुत किये गए हैं-
जैसे
इस पंक्ति में १० लिंक प्रस्तुत किये गए हैं-
जैसे
पे=सोने पे सुहागा
बकबक करे=दीपक की बक बक
ताके=सिंहावलोकन
सिखा=मेरे मन की
रही=पथ का राही
फर्ज=मनसा वाचा कर्मणा
रविकर भाई,आप खामखाँ नाराज़ हो गए ! अविनाश जी वैसे ही मजे ले रहे थे,आपने गंभीरता से ले लिया.मैंने इस बावत उनसे बात की तो वे समझ नहीं पाए.आप बिलकुल निश्चिंत रहें,अविनाशजी और नुक्कड़ से नाता तोड़ने की बात न करें,लेखक और कवि तो वैसे भी सहृदय होते हैं.
ReplyDeleteमैं फिलहाल अस्वस्थ चल रहा हूँ,उम्मीद करता हूँ,आप अन्यथा न लेंगे !