छीज रहा है पल-पल जीवनराहत की उम्मीद लिएठगी गई जनता ही हरदमहेर-फेर जितने भी किए!
बहुत सटीक ..बढिया लिखा है !!
क्या बात है जी ! बहुत खूब! नमक ही तो छिड़कना रह गया है ......./
बढिया लिखा है !!
खुला पिटारा प्रणव का, मौनी देते दाद ।महँगाई से त्रस्त जन, डर डर देते पाद ।यही बजट का सार है सुन लो मेरे यार ,कर सकते , तो करो ,इनका बंटा- धार
छीज रहा है पल-पल जीवन
ReplyDeleteराहत की उम्मीद लिए
ठगी गई जनता ही हरदम
हेर-फेर जितने भी किए!
बहुत सटीक ..
ReplyDeleteबढिया लिखा है !!
क्या बात है जी ! बहुत खूब! नमक ही तो छिड़कना रह गया है ......./
ReplyDeleteबढिया लिखा है !!
ReplyDeleteखुला पिटारा प्रणव का, मौनी देते दाद ।
ReplyDeleteमहँगाई से त्रस्त जन, डर डर देते पाद ।
यही बजट का सार है सुन लो मेरे यार ,
कर सकते , तो करो ,इनका बंटा- धार