18 March, 2012

इटली से मेहमान, अगर फुफ्फू घर आये-

कंधमाल में हैं फंसे, इतालवी दो लोग ।
नक्सल के बन्धक बने, रहे अवज्ञा भोग ।

रहे अवज्ञा भोग, जान सांसत में सबकी ।
बड़ा भयंकर रोग, करे क्या सत्ता अबकी ।

इटली से मेहमान, अगर फुफ्फू घर आये ।
प्रिये भतीजे बोल, दिमगवा क्यों ना लाये ।।

4 comments:

  1. बहुत बढ़िया प्रस्तुति!
    दाद देनी पड़ेगी आपकी सोच की!

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  2. दिग्विजय - गवा को कलावती के देवर के संग भेजो बातचीत को .मौके पर यह मंद मति कभी नहीं पहुंचता ये यु पी के खेतों और सड़कों में अभी भी दिखाई देगा लेकिन कंधमाल जाने से इसकी नानी मरती है .दादी होती तो खच्चर पे बैठ के भी पहुँच जाती, बहादुर थी .

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  3. दिमगवा हो तो ।

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  4. ये इटली का मामल है। सुलझ कर रहेगा।

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