विषय बोल्ड है --
खरा गोल्ड है ।।
टिप्पणी जो बोल्ड विषय पर करने से
डर गया रविकर -
दुबारा गौर करने पर निरर्थक लगी यह टिप्पणी ।
कहीं भी दुबारा पंगा नहीं लेना था ।।
गौर फरमाएं--
पाका पहली मर्तबा, लेकर दूध-पनीर ।
चमचे ने धोखा दिया, गिरी हीर पर खीर ।
गिरी हीर पर खीर, नहीं गाढ़ी हो पाई ।
गरम गरम तासीर, बदन में आग लगाईं ।
तेरा भी कुछ दोष, चमकता रहा बुलाका ।
था दिन भर अफ़सोस, दुबारा बढ़िया पाका ।।
गिरी हीर पर खीर, नहीं गाढ़ी हो पाई
ReplyDeletebeautiful poem