जय निरमा बाबा
(१)
शौचो दायें हाथ से, मुँह के बल अब लेट ।
नाक रगड़ ले तख़्त पर, ढीली कर दे टेट ।
ढीली कर दे टेट, थूक कर फिर से चाटे ।
गड्डी पटरी आय, पाट देगी सब घाटे ।
निर्मल को सन्देश, भक्त को ऐसा नोचौ ।
मिट जाए तकलीफ, आज से दहिने शौंचो ।।
(२)
धर्म और विज्ञान का, उड़ा रहा उपहास |
चांदी कूटे रात दिन, बन माया का दास |
चांदी कूटे रात दिन, बन माया का दास |
बन माया का दास, धरे निर्मल- शुभ चोला |
अंतर लालच-पाप, ठगे वो रविकर भोला |
करे ढोंग पाखण्ड, धरे वेश इंसान का |
मिलना निश्चित दंड, अंत बुरा शैतान का ||
(३)
साला निर्मल न सुने, इन्दर का उपदेश ।
चले चार सौ बीस का, इस साले पर केस ।
इस साले पर केस , नामधारी सब माने ।
टूटेगा विश्वास, हुवे जो भक्त दिवाने ।
खंडित होते आस, बदल लेंगे वे पाला ।
पत्नी दे हड़काय, जेल काटे क्यूँ साला ।
(४)
चोट्टे चौगोषा लखें, चमचे चुप चुबलांय ।
चौगोषा मिष्ठान भर, चाट-चूट के खांय ।
चाट-चूट के खांय, हरेरी सबके छावे ।
अफसरगन उकताँय, जान जोखिम में पावे।
फिफ्टी-फिफ्टी होय, चलाचल चक दे फ़ट्टे ।
व्यर्थ हुवे बदनाम, आज मौसेरे चोट्टे ।।
चौगोषा मिष्ठान भर, चाट-चूट के खांय ।
चाट-चूट के खांय, हरेरी सबके छावे ।
अफसरगन उकताँय, जान जोखिम में पावे।
फिफ्टी-फिफ्टी होय, चलाचल चक दे फ़ट्टे ।
व्यर्थ हुवे बदनाम, आज मौसेरे चोट्टे ।।
(५)
इ'स्टेटस सिम्बल बना, नवधनाढ्य का एक ।
मस्त दुकानें चल रहीं, बाबा बैठ अनेक ।
बाबा बैठ अनेक, दलाली करते आधे ।
मस्त दुकानें चल रहीं, बाबा बैठ अनेक ।
बाबा बैठ अनेक, दलाली करते आधे ।
फँसते ग्राहक नए, सभी को बाबा साधे ।
सपना मिडिल क्लास, देखता कैसे कैसे ।
चाहत बने अमीर, लुटा के अपने पैसे ।।
(६)
लल्लो-चप्पो चाहता, यह अदना इंसान ।
मठ-मंदिर में जा फंसे, इसी हेतु भगवान् ।
मठ-मंदिर में जा फंसे, इसी हेतु भगवान् ।
इसी हेतु भगवान्, मिले न उनको फुर्सत।
बन जाते मेहमान, चढ़ाए जो भी रिश्वत ।
है नजरों का खेल, भेंट करिए नजराना ।
बढे हमेशा मेल, रहेगा आना जाना ।।
रोज समागम करते बाबा।
ReplyDeleteव्यापारी से लगते बाबा।
सबकी जेबें खाली करके,
जाने किसकी भरते बाबा।
कोटि भगत परनाम बजाएँ,
पर नामों से हरते बाबा।
लोग चले आते भेड़ों से,
सिंघासन से चखते बाबा।
लाखों लाखों रोज वसूले,
चैनल सारे भजते बाबा।
अल्ला खुद ही बन बैठे हैं,
अल्ला से ना डरते बाबा?
आप नहीं करते हैं गलती,
हम ही उल्लू बनते बाबा।
निरमा बाबा,निर्मम बाबा
ReplyDeleteहोता धन का निर्गम बाबा.
करे समागम धन का बाबा,
पूरा स्विस का खाता बाबा !
जय हो निरमा बाबा की ...
ReplyDeleteइस देश का यारो क्या कहना ...
ताल ठोंकते भक्तगण,बाबा करें सुकाज
ReplyDeleteइधर नाम से परेशां,सिर पीटे निरूलाज!
(२)
ReplyDeleteधर्म और विज्ञान का, उड़ा रहा उपहास |
चांदी कूटे रात दिन, बन माया का दास |
बन माया का दास, धरे निर्मल- शुभ चोला |
अंतर लालच-पाप, ठगे वो रविकर भोला |
अप्रतिम पोस्ट .
निर्मल के दिन लद गए, रोज़ गिर रहे रेट
एक दिन होकर के रहे ,इनका मटिया मेट .
रोज़ घट रही आय स्वान मूतेंगे एक दिन
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सपना मिडिल क्लास, देखता कैसे कैसे
ReplyDeleteचाहत बने अमीर, लुटा के अपने पैसे
सार्थक प्रस्तुति
blog rating
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