बाढ़े लुच्चे हुनरमंद, हर फन बाढ़े ढेर ।लीडर अफसर बूचड़ी, दल्ले धूर्त अँधेर ।बचके रहियो भैये मेढकी ममता खुली घूमे है .पावस देखि रहीम मन ,कोइल साधै मौन ,अब दादुर वक्ता भये ,हमको पूछत कौन .
बड़े चुटीले तीर हैं .....शुभकामनायें आपको...
ये फनिधर फुंफकारते, जहर उगलते और डंसते नहीं क्या?
बहुत बढ़िया है भाई साहब .साहब एक कुंडली ममता(मेढकी ) पे माँगता है .मेहरबानी साहब .
aree waah....
हाहाहाहाहाहा....दूध पिलाने के अलावा अब कोई चारा नहीं है
बाढ़े लुच्चे हुनरमंद, हर फन बाढ़े ढेर ।
ReplyDeleteलीडर अफसर बूचड़ी, दल्ले धूर्त अँधेर ।
बचके रहियो भैये मेढकी ममता खुली घूमे है .
पावस देखि रहीम मन ,कोइल साधै मौन ,
अब दादुर वक्ता भये ,हमको पूछत कौन .
बाढ़े लुच्चे हुनरमंद, हर फन बाढ़े ढेर ।
ReplyDeleteलीडर अफसर बूचड़ी, दल्ले धूर्त अँधेर ।
बचके रहियो भैये मेढकी ममता खुली घूमे है .
पावस देखि रहीम मन ,कोइल साधै मौन ,
अब दादुर वक्ता भये ,हमको पूछत कौन .
बड़े चुटीले तीर हैं .....
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको...
ये फनिधर फुंफकारते, जहर उगलते और डंसते नहीं क्या?
ReplyDeleteबहुत बढ़िया है भाई साहब .साहब एक कुंडली ममता(मेढकी ) पे माँगता है .मेहरबानी साहब .
ReplyDeletearee waah....
ReplyDeleteहाहाहाहाहाहा....दूध पिलाने के अलावा अब कोई चारा नहीं है
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