(१)
हवा हवाई हो रहा माल्या जी का बेडा ।
अरबों का घाटा लगे लगे मामला टेढ़ा ।
सरकार करे सुनवाई ।
पेट्रोल दाम घटाई ।।
अपनी दारु सस्ती कर, पर मंत्री मसला छेड़ा ।।
(२)
थी केरी के इक झुण्ड, बहुतेरी साथ इकट्ठी ।
पर हुआ निशाना झंड, थी धोखे की टट्टी ।
थी जली काम की भट्ठी ।
खुब चले चटकना चट्टी।
हस्पताल में हुई हवश की बढ़िया मरहम पट्टी ।
(३)
घोड़ा जोखिम पैसा , डाकू बनने गया जवान ।
घोड़ा जोखिम पैसा , डाकू बनने गया जवान ।
पर गब्बर उस्ताद ने दिया आइडिया एक महान ।
दूल्हा बन जा प्यारे ।
तो ख़्वाब पूरते सारे ।
सजा संवारा घोड़ा, दाहिज मोटा, जोखिम जान ।
...कहने के हो ढंग हज़ार
ReplyDeleteपर सार्थक हो तो नहीं बेकार !
आप यूँ ही टिपियाते और कवियाते रहें !
nice poem
ReplyDeleteसरकार करे सुनवाई पेट्रोल दाम घटाई
this is the wish of every Indian.
(१)
ReplyDeleteहवा हवाई हो रहा माल्या जी का बेडा ।
अरबों का घाटा लगे लगे मामला टेढ़ा ।
अरबों का घोड़ा ,चले थोड़ा थोड़ा